इंदौर.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (Brilliant Convention Centre, Indore) में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (Non-Resident Indian Day) सम्मेलन का शुभारंभ किया. सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली कार्यक्रम में क्रमश: विशिष्ट और मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों और प्रवासी भारतीयों का इंदौर आने के लिए आभार जताया और उनका स्वागत किया. मध्य प्रदेश के गर्वनर मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. यह कार्यक्रम 8 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 10 जनवरी तक चलेगा, जिसमें करीब 70 देशों के 3500 से अधिक सदस्य शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल इस कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल होंगी. इस दौरान वह विदेशों में अपने अपने क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने और अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी करेंगी.

आप जहां रहते हैं, भारत को साथ रखते हैं: पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि बुजुर्गों को उनके लाइफ, स्ट्रगल, अचीवमेंट्स को डॉक्युमेंट करना चाहिए। बुजुर्गों के पास उस जमाने की मेमोरीज होंगी। यूनिवर्सिटियों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर डॉक्युमेंटेशन के प्रयास किए जाए। कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वाले के दिल में जीवित रहता है। जब कोई भारत का व्यक्ति विदेश जाता है और वहां कोई भारतीय मिल जाता है तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया। आप जहां रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते आठ वर्षों में देश ने अपने डायस्पोरा को ताकत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है। अपनों के आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद होता है। अलग ही महत्व होता है। यहां काफी कुछ है, जो इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। पास ही में महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है। आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे। अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे। वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है। मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है। 

उन्होंने कहा इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अलग पहचान साबित की है। खाने-पीने के लिए अपन का इंदौर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाजवाब है। यहां पोहे का पैशन, कचोरी, समोसे, शिकंजी… जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका। जिसने इसे चखा, उसने कहीं मुडकर नहीं देखा। 56 दुकान, सराफा प्रसिद्ध है ही। कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे। औरों को भी यहां आने को भेजेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की व्यवस्था में भारत का महत्व आपकी वजह से बढ़ा है। साथियों, हमारे यहां कहा जाता है कि स्वदेशों भुवनत्रयम। हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदर के पार गए। व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, यह भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है। उसमें वसुधैव कुटुंबकम के साक्षात दर्शन होते हैं। भारत के अलग-अलग प्रांतों, क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का अनुभव होता है। अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है। जब हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो उसे सशक्त और समर्थ भारत इसकी आवाज सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत कहता हूं। सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं, लेकिन आप राष्ट्रदूत हैं। आप ब्रांड एम्बेसेडर है। यह भूमिका विविधतापूर्ण है। आप मेक इन इंडिया, योग और आयुर्वेद, कॉटेज इंडस्ट्री और हैंडीक्राफ्ट के ब्रांड एम्बेसडर हैं। आप भारत के मिलेट्स के ब्रांड एम्बेसेडर है। यूनाइटेड नेशंस ने इस साल को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। आप यहां से मिलेट्स लेकर जाइए। 

मोदी ने कहा- बदलती दुनिया में आपकी भूमिका अहम है। आपको भारत के बारे में और जानना होगा। पूरा विश्व इंतजार कर रहा है और देख रह है। वह भी पूरी रुचि और जिज्ञासा के साथ । मैं यह क्यों कह रहा हूं, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विकास में जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां प्राप्त की है, वह असाधारण, अभूतपूर्व है। जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है, जब 220 करोड़ वैक्सीन डोज मुफ्त लगाने का रिकॉर्ड बनाता है, जब वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, जब भारत विश्व की सबसे बड़ी पांच अर्थव्यवस्था में शामिल होता है, जब भारत तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनता है, मेक इन इंडिया का डंका बजता है, जब तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट कैरियर और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है तो स्वाभाविक है कि लोगों में रुचि होगी। लोग जानना चाहते हैं कि भारत की स्पीड, स्केल क्या है। भारत का फ्यूचर क्या है? इसी तरह कैशलेस इकोनॉमी की बात होती है, तो दुनिया यह देखकर हैरान है कि रियलटाइम 40% ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं। स्पेस के फ्यूचर की बात होती है, तो भारत की चर्चा स्पेस टेक्नोलॉजी के मोस्ट एडवांस देशों में होती है। भारत 100-100 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च कर रहा है। सॉफ्टवेयर और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आप इसका बहुत बड़ा जरिया है। 

जिज्ञासा और बढ़ेगी। विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। आपके पास भारत के बारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में बता पाएंगे। तथ्यों के आधार पर बता पाएंगे। मेरा आग्रह है कि आपके पास कल्चरल और स्पिरिचुअल जानकारी के साथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड इंफॉर्मेशन होनी चाहिए। आप सबको यह भी पता है कि इस वर्ष भारत के जी-20 देशों के समूहों की अध्यक्षता कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को बड़े अवसर के तौर पर देख रहा है। यह हमारे लिए दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। यह दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने और सस्टेनेबल फ्यूचर बनाने का अवसर है। जी20 को डिप्लोमेटिक नहीं बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है। दुनिया के देश अतिथि देवो भव का दर्शन करेंगे। आप उन्हें बता सकते हैं। इससे उन्हें यहां आने से पहले भारत के महत्व और अपनत्व का अनुभव होगा। जी20 समिट में 200 बैठकें होंगी। अलग-अलग शहरों में जाएंगे। प्रवासी भारतीय उन्हें लौटने पर बुलाए। उनके अनुभव सुने। उनके साथ हमारे बंधन को और मजबूत करने का अवसर बन जाएगा।  

आज भारत के पास नॉलेज सेंटर बनने के साथ स्किल कैपिटल बनने का अवसर है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और इमानदारी भी है। भारत की यह स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजिन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ-साथ प्रवासी युवा भी है। नई पीढ़ी के युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के अवसर दे रहे हैं। भारत को लेकर उनका उत्साह बढ़ रहा है। वे माता-पिता के देश को जानना चाहते हैं। जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। हमयुवाओं को न केवल देश के बारे में बताए बल्कि भारत दिखाए भी। यह युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, भारत में पर्यटन, रिसर्च और गौरव बढ़ेगा। यह युवा भारत के विभिन्न पर्वों के दौरान, प्रसिद्ध मेलों के दौरान आ सकते हैं।