भोपाल। प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए पुलिस मुख्यालय ने नियम बना दिए हैं। पुलिस  निरीक्षक का कार्यवाहक प्रभार दिए जाने के लिए पुलिस मुख्यालय योग्य उपनिरीक्षकों की सूची जारी करेगा। इसी तरह एएसआई और प्रधान आरक्षक के कार्यवाहक प्रभार दिए जाने के नियम भी पुलिस मुख्यालय ने बना दिए हैं। इसमें यह भी शर्त रखी गई है कि किसी भी अफसर और जवान को बिना पूर्व सूचना के कार्यवाहक का पद वापस लिया जा सकेगा। इस पूरी व्यवस्था में आईजी और एसपी को बायपास किया गया है।

निरीक्षक के पद का कार्यवाहक प्रभार देने के लिए योग्य उप निरीक्षकों की सूची पुलिस मुख्यालय से जारी होगी।  वहीं एएसआई के कार्यवाहक पद के प्रभार के लिए प्रधान आरक्षक की सूची रेंज डीआईजी और प्रधान आरक्षक के पद  के लिए योग्य आरक्षकों की सूची जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनाएंगे। इस व्यवस्था में आईजी और पुलिस अधीक्षक को कोई पॉवर नहीं दिए गए।

उपनिरीक्षक से लेकर आरक्षक तक जिसकी भी विभागीय जांच लंबित है वह योग्य की सूची में शामिल नहीं होगा। जिस पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है और विवेचना या अदालत में लंबित है तो भी वह योग्य सूची के शामिल नहीं किया जाएगा। वहीं जिन्हें पिछले पांच साल में बड़ी सजा मिली होगी वे भी योग्य सूची में शामिल नहीं होंगे।

जिन्हें कार्यवाहक के बतौर प्रभार दिया जाएगा, उनसे कभी भी बिना पूर्व सूचना के पद से हटाया जा सकता है। साथ ही उन्हें अपने मूल पद पर वापस भी किया जा सकता है। निरीक्षक का प्रभार मिलने पर उपनिरीक्षक अपनी वर्दी पर तीन स्टार लगा सकेंगे, लेकिन पद से हटाए जाने के बाद उन्हें एक स्टार वापस करना होगा। इसी तरह एएसआई में भी होगा। कार्यवाहक का पद जिन्हें दिया जाएगा उन्हें पदोन्नति के दौरान वरीयता प्रदान नहीं की जाएगी। वे वरीयता में पूर्व की ही तरह शामिल होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *