भोपाल। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय की पुलिस ट्रैनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) सख्त हो गया है। पीटीआरआई एडीजी डीसी सागर ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देश दिए है कि सड़क हादसों में होने वाली मौत की जांच मर्डर जैसी संवेदनशीलता और तत्परता दिखाते हुए की जाये। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि सड़क हादसे में मौत होने पर आरोपी को 10 साल तक की सजा करवाने के लिए वैज्ञानिक और फॉरेसिंक जांच भी करवाएं।

बताया जाता है कि हाल ही में खंडवा, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, सतना और शिवपुरी में हुए सड़क हादसों में होने वाली मौतों के बाद एडीजी पीटीआरआई डीसी सागर ने पुलिस अधीक्षकों को लिखा है कि इन सभी हादसों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जांच करवाने के साथ ही फॉरेसिंक जांच करवाई जाये। यदि इसमें यह पता चलता है कि वाहन चालक निर्धारित गति से तेज अपना वाहन चला रहा था, या नशे में वाहन चला रहा था तो उस पर आईपीएस की धारा 304 की उपधारा को जोड़कर अपराध कायम किया जाए। ताकि उसे दो साल की जगह पर 10साल तक की सजा मिल सके।

बताया जाता है कि सड़क हादसे में होने वाली मौत पर पुलिस आमतौर पर आईपीसी की धारा 304 (क) के तहत प्रकरण दर्ज करती है। जिसमें दो साल तक की सजा होती है। जबकि कई बार ऐसा होता है कि वाहन चालक निर्धारित गति से तेज वाहन चलाता है, उसे पता है कि उसके निर्धारित गति से गाड़ी चलाने पर किसी की जान भी जा सकती है। इसलिए यह मामला 304(2) के तहत दर्ज कर विवेचना की जाना चाहिए। इसमें दस साल की सजा और जुर्माना या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

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