भोपाल। जिलों में पुलिस अधीक्षकों द्वारा तिकड़म से टीआई से लेकर आरक्षक तक के तबादला करने पर पुलिस मुख्यालय ने शिकंजा कस दिया है। अब पुलिस अधीक्षक जिलों के भीतर किसी अन्य काम के आदेश के बहाने से किसी अफसर या कर्मचारी का तबादला नहीं कर सकेंगे। उन्हें तबादले के लिए स्पष्ट रूप से आदेश में स्थानांतरण का ही जिक्र करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है।
सूत्रों की मानी जाए तो पुलिस मुख्यालय को लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि कुछ जिलों के पुलिस अधीक्षक अपने जिले के निरीक्षक से लेकर आरक्षक तक का तबादला न करते हुए उन्हें ‘कार्य-वितरण’ या ‘कार्य हेतु लगाया’ का आदेश निकाल देते थे। इस दौरान किसी अन्य अफसर को संबंधित अधिकारी का भी चार्ज भी दे दिया जाता था। आमतौर पर माना जाता है कि पुलिस अधीक्षक ‘कार्य-वितरण’ या ‘कार्य हेतु लगाया’ का आदेश जारी कर कुछ अफसरों को पद से हटाकर अपने चहते अफसर को उस जगह का चार्ज दिलवा देते हैं। इसके लिए यह तिकड़म से बिना तबादला किए ‘कार्य-वितरण’ या ‘कार्य हेतु लगाया’ का आदेश निकाल कर जगह खाली कर देते थे।
पुलिस मुख्यालय ने अब इस व्यवस्था पर रोक लगा दी है। पुलिस मुख्यालय ने जारी गाइड लाइन में सभी जोन के एडीजी-आईजी के साथ ही डीआईजी और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बताया है कि ‘स्थानांतरण’ एवं ‘कार्य-वितरण’ में अंतर है।
पुलिस मुख्यालय ने विभिन्न शाखाओं और मैदान ईकाईयों के ऐसे आदेशों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे सभी आदेशोें की समीक्षा की जाए जिन आदेश में किसी अधिकारी या कर्मचारी को बिना निश्चित सेवा अवधि निर्धारित किये ‘कार्य हेतु लगाया’ जाने जैसी शब्दावली का उपयोग किया है। पुलिस मुख्यालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि ‘कार्य हेतु लगाया’ जाने जैसी शब्द का उपयोग कर उसका प्रभाव स्थानांतरण के स्वरूप का है ऐेसे आदेशों को तत्काल निरस्त किया जाए। इसके साथ ही यह भी सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिलों में तबादला करते हैं तो उसकी जानकारी वे पुलिस मुख्यालय को भी उपलब्ध करवाएं।