भोपाल । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनता का सुख-दुख मेरा सुख-दुख है। प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिए मैं दिन-रात काम कर रहा हूँ। विकास पर्व के तहत पूरे प्रदेश में विकास का महायज्ञ चलाया जा रहा है। अनेक निर्माण एवं विकास कार्यों का शिलान्यास तथा भूमि-पूजन किया जा रहा है। सड़क, बिजली, पेयजल, सिंचाई के लिए पानी तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान चकल्दी में विकास पर्व कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने चकल्दी में 81 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन किया और चकल्दी में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहले सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण उत्पादन कम होता था। खेती में किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब अनेक सिंचाई परियोजनाओं से हर किसान के खेत तक पानी पहुँचाने का काम किया जा रहा है। आज चकल्दी में लोकार्पित पाटतलाई उद्वहन सिंचाई योजना से पाटतलाई, अमीरगंज एवं पलासपानी जैसे पहाड़ी गाँवों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा और तीनों गाँवों के 661 किसानों की 889 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमोनिया और चतरकोटा सिंचाई योजना का भी आज भूमि- पूजन किया गया है। धीरे-धीरे विभिन्न सिंचाईं योजनाओं से हर किसान के खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुँचाया जाएगा। पहले पीने के पानी के लिए भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब नर्मदा का जल घरों तक पहुँचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसी समय इस पूरे इलाके में आने-जाने के रास्ते नहीं थे। कहीं भी आने-जाने में पूरा दिन लग जाता था। जनता के लिए यह अकल्पनीय था कि यहाँ अच्छी सड़कें बनेंगी। अब चारों तरफ शानदार सड़कों का जाल बिछाया गया है। कई सड़कों का भूमि-पूजन हुआ है। खेत सड़क भी बनाई जाएंगी। जितनी सड़कें हमारी सरकार ने बनाई हैं, उतनी गत 50 वर्षों में नहीं बनीं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रदेश में क्रांति हो रही है। किसान वर्ष में तीन फसल ले रहे हैं। राज्य में मूंग खरीदी का कार्य चल रहा है। किसान-कल्याण योजना में छोटे से छोटे किसान को वर्ष में 12 हजार रूपए की राशि प्राप्त हो रही है। पूर्व सरकार ने किसानों पर कर्जा चढ़ा दिया था, जिसे उतारने का कार्य किया गया। हमारी सरकार में कृषि का उत्पादन बढ़ा है और किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। किसानों को 18 प्रतिशत ब्याज पर मिलने वाला फसल ऋण अब शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है।