नई दिल्ली । दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके के बी ब्लॉक में जहां रविवार रात लड़की की बेरहमी से हत्या की गई, उस जगह पर सोमवार को भी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही। हर कोई यह जानने की कोशिश करना चाह रहा था कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि साहिल ने इस वारदात को अंजाम दिया। वहीं आस पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों ने इस घटना को अपनी आंखों के सामने होते हुए देखा। इस घटना के बाद से वहां के लोगों में डर और खौफ का ऐसा माहौल है कि घटनास्थल के आसपास जिन लोगों का घर है, वह कुछ भी कहने से साफ तौर पर बच रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का दबी आवाज में कहना है कि यह इलाका बेहद संवेदनशील है। आसपास असामाजिक तत्व और नशे में लिप्त रहने वाले लोगों का वर्चस्व है। यहां आए दिन छोटी-छोटी बातों को लेकर कई घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में यदि कोई इस घटना पर कुछ भी बोलता है, तो शायद उसके साथ भी कुछ अनहोनी हो सकती है। वहीं इलाके में रहने वाले दूसरे लोगों में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि एक पब्लिक टॉयलेट के पास ऐसी वारदात का होना, उनके लिए बेहद चौका देने वाली घटना है। घटनास्थल से कुछ दूरी पर रहने वाली माधुरी देवी बताती हैं कि जिस वक्त यह घटना हुई आसपास के कई लोग वहां से निकल रहे थे, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह लड़की को बचा सकें।
साक्षी को बचाने कोई नहीं आगे आया
इस घटना का लगभग 90 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में आरोपी एक हाथ से लड़की को दीवार के सहारे धकेलकर बार-बार उस पर चाकू से वार करता नजर आ रहा है। वह लड़की के जमीन पर गिरने पर भी नहीं रुका और 20 से अधिक बार चाकू से वार किया, उसे कई बार लात मारी तथा फिर सीमेंट के स्लैब से कई बार हमला किया। वीडियो में राहगीरों की चौंकाने वाली उदासीनता भी साफ दिखाई दे रही है। वहां से गुजरते लोग हमले की घटना को देखते हुए नजर आते हैं, लेकिन बर्बर हमले से लड़की को बचाने के लिए कोई भी हिम्मत नहीं दिखा पाया। वीडियो में आरोपी बाद में घटनास्थल से सामान्य रूप से जाता दिखाई देता है। कुछ देर बाद वह फिर लौटता है और फिर से सीमेंट के स्लैब से लड़की पर हमला करता है। इसके बाद वह घटनास्थल से आराम से जाता दिखता है।
मूकदर्शक बने ये लोग…
साहिल, साक्षी को 16 बार चाकू मारने के बाद भी नहीं रुका। उसने बड़े से पत्थर से साक्षी के सिर पर तबतक वार किया जब तक उसके शरीर में हरकत होती रही। वह कन्फर्म करना चाहता था कि वह मर गई है। साक्षी को पत्थर से कुचल-कुचलकर मारते हुए भी लोग साहिल को देख रहे थे। सड़क से गुजर रहे लोग मुड़-मुंडकर उसे देख रहे थे लेकिन कोई रोकने नहीं गया। यहां तक की चीखती हुई साक्षी की आवाज सुनकर लोग अपनी बालकनी और खिड़कियों तक आए लेकिन इस बर्बर हत्याकांड को देख लोगों ने अपने खिड़की दरवाजे तक बंद कर लिए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है लड़की की खोपड़ी फटी हुई थी। साक्षी ने इस साल 10वीं क्लास पास की थी। मजूदर पिता की बेटी साक्षी माता-पिता के साथ शाहबाद डेरी इलाके में जेजे कॉलोनी में रहती थी। उसका एक छोटा भाई है।
हैवानियत होते देखते रहे लोग
साक्षी के पिता ने बताया कि वह पिछले 15 दिन से अपनी सहेली नीतू के साथ रह रही थी क्योंकि नीतू का पति काम के सिलसिले में दिल्ली से बाहर था। साक्षी की दोस्त नीतू ने दावा किया कि साक्षी और साहिल अकसर आपस में लड़ते थे, लेकिन उसे उनकी ‘दोस्ती’ के बारे में छह महीने पहले ही पता चला था। अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए साक्षी के माता-पिता ने साहिल को फांसी देने की मांग की है। रविवार की घटना को याद करते हुए दो बच्चों की मां नीतू ने कहा कि साक्षी उसकी बेटी के लिए जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने में व्यस्त थी और पास के बाजार में बच्ची के लिए ड्रेस लेने गई थी। उसी समय साहिल ने उसे रोका उस पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। रात साढ़े 9 बजे के आसपास हुई इस वारदात के समय गली में ठीक-ठाक चहलपहल थी। काफी लोग गली में मौजूद थे।
दिल वाली नहीं पत्थर दिल वाली दिल्ली
साक्षी को बेरहमी से मारने के बाद साहिल आराम से घटनास्थल से चला गया और घटना के तुरंत बाद आरोपी साहिल अपने परिवार के साथ घर पर ताला लगाकर भाग गया। उनके मकान मालिक रामफूल ने बताया कि यह परिवार पिछले दो साल से उनके यहां किराये पर रहा था और साहिल अक्सर किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। उन्होंने कहा, ‘वह एक साधारण-सा युवक था, जो अपने माता-पिता और तीन बहनों के साथ रहता था। वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था और कभी किसी लड़ाई में शामिल नहीं रहा। इसलिए यह सुनना और उसकी एक लड़की की बर्बरता से हत्या करते हुए वीडियो फुटेज देखना बहुत हैरान करने वाला है।’ कई लोगों ने क्रूर हमले और लड़की को बचाने के लिए कुछ नहीं करने वाले लोगों की असंवेदनशीलता पर सोशल मीडिया पर गुस्सा जताया है। सवाल वही है कि क्या दिल्लीवालों की संवेदनशीलता मर गई है? और कहां गई दिलवालों की दिल्ली? कैसे दिल पत्थर बन गया कि लड़की को कोई बचा की कोशिश तक नहीं कर सका?
इस गुड़िया का क्या था कसूर
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस घटना पर कहा, ‘क्या कसूर था 16 साल की गुड़िया का, जो उसे इस तरह सड़क पर बेरहमी से मार डाला गया? दिल्ली में किसी को पुलिस और कानून का डर नहीं है। यदि आज कुछ नहीं किया गया, तो दरिंदगी की सारी हदें पार होती रहेंगी।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर हमला करते हुए कहा कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने दावा किया कि यह लव जिहाद का मामला है। घटना को भयावह और अत्यंत व्यथित करने वाली बताते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘कोई अशिक्षित व्यक्ति भी इतना निर्दयी नहीं हो सकता कि किसी की इतनी निर्मम हत्या कर दे। समाज की सोच में बहुत कमी आ रही है, इस पर काम करने की जरूरत है। वह जैसे सामाजिक माहौल में पला, वैसी ही उसकी सोच बनी। आजकल के समाज की स्थिति सोचने वाली है। परिवारों को सोचना चाहिए कि अपने लड़कों को कैसे पालें कि वे किसी की हत्या न करें।’