मुरैना/जबलपुर , मध्य प्रदेश में हाल ही में सामने आए पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर एक और अहम खुलासा हुआ है. मुरैना के एक युवा रंजीत दंडोतिया ने इस बात का दावा किया है कि जौरा इलाके से एक ही समाज के 16 लोग पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित हुए हैं. सबसे खास बात यह है कि सभी लोग श्रवण बाधित दिव्यांग हैं.

दरअसल पिछले दिनों मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला सामने आया है. आरोप है कि ग्वालियर के एन आर आई कॉलेज से टॉप 10 से 7 टॉपर निकले हैं. इसके बाद से इस परीक्षा पर सवाल खड़े होना शुरू हुए और कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी ने इस को लेकर आंदोलन भी किए हैं.

इस मामले में अब मुरैना के बड़ोखरी गांव के रहने वाले युवक रंजीत दंडोतिया ने इस बात का दावा किया है कि मुरैना के जौरा इलाके से त्यागी समाज के 16 अभ्यर्थी एक साथ पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित हुए हैं. खास बात यह है कि यह सभी अभ्यर्थी श्रवण बाधित दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर चयनित हुए हैं. इसलिए यह संदेह पैदा होता है कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ हुई है.

पटवारी परीक्षा में सबसे ज्यादा चयनित दिव्यांग
इसके साथ ही इस बात का दावा किया है कि पूरे मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में 550 सिलेक्शन हुए हैं जिसमें से सबसे ज्यादा 400 हैंडीकैप अभ्यार्थी सिर्फ मुरैना जिले से ही आते हैं. रंजीत दंडोतिया का कहना है कि जो टॉपर आए हैं वह किसी के सामने भी नहीं आ रहे हैं कि यह किस तरह के टॉपर है. इसके साथ ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में में दिव्यांग सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े मामले को भी उठाते हुए कहा है कि पहले मुरैना जिला डकैतों का गढ़ हुआ करता था लेकिन दिव्यांगों का गढ़ बन कर रह गया है. कुल मिलाकर पटवारी भर्ती परीक्षा में मुरैना जिले से सबसे ज्यादा नौकरी हासिल करने वालों के नाम सामने आ रहे हैं.

रंजीत दंडोतिया ने कहा कि ग्वालियर के एन आर आई कॉलेज के टॉप टेन में से 7 टॉपर एन आर आई कॉलेज से निकले हैं. लिस्ट चेक की तो देखा कि जौरा के त्यागी समाज के लगभग 16 लोग सिलेक्ट थे सभी के कान का दिव्यांग सर्टिफिकेट है.उनका डाटा कलेक्ट किया और फेसबुक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया. अधिकतर दिव्यांग जौरा सबलगढ़ और मुरैना तहसील के हैं यह अपने आप में प्रश्नचिन्ह पैदा करता है. क्या मुरैना विकलांगता का गढ़ बन गया है.

जबलपुर में NSUI ने किया प्रदर्शन
मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर चल रही सियासत रुकने का नाम नही ले रही है. अब पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर कांग्रेस के यूथ विंग एनएसयूआई भी सरकार के खिलाफ मुखर हो गया है. इसी कड़ी में जबलपुर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओ ने जबलपुर के मालवीय चौक पर शिवराज की दुकान लगाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में प्रतीकात्मक रूप से पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया,और फिर सरकार का भेष धारण कर युवाओं से मनोरंजन बैंक के नोट लेकर नकली नियुक्ति पत्र देकर विरोध जताया है.

पटवारी भर्ती परीक्षा की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग
एनएसयूआई नेताओ का कहना है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में विधायक के कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र से बड़ी संख्या में युवाओं का चयन होना भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. इस परीक्षा में शामिल सामान्य अभ्यर्थियों को दिव्यांग बनाने का काम किया है. इसलिए पूरी पटवारी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो एनएसयूआई जबलपुर आने पर मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाकर विरोध जताएगी.