भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर में पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को अब और ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। इन्हें 10 से 20 सितम्बर के बीच में वापस से अपने-अपने जेलों में आना होगा। इन सभी को इसकी सूचना दे दी गई है। यदि तय दिनांक को जेल में नहीं पहुंचे तो ऐसे बंदियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है। साथ ही भविष्य में इन्हें पैरोल पर भी नहीं छोड़ा जाएगा।
कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के सभी जेलों से करीब पांच हजार बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। मई महीने में पहले इन्हें तीस दिन की पैरोल पर छोड़ा गया, लेकिन कोरोना की लहर काबू में नहीं आई फिर इनके पैरोल की अवधि 30 दिन की ओर बढ़ा दी गई। इसके बाद इसी तरह जुलाई और अगस्त में भी इन्हें पैरोल दी गई। सूत्रों की मानी जाए तो जेल प्रबंधन कुछ और दिनों के लिए पैरोल दिए जाने पर विचार कर रहा था। इस संबंध में प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन इस प्रस्ताव को शासन की ओर से मंजूरी नहीं मिली। दरअसल अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया है, इसलिए इन बंदियों की पैरोल अब नहीं बढ़ाई जा रही है। इससे पहले करीब इतने ही बंदियों को कोरोना की पहली लहर में लगभग एक साल की पैरोल दी जा चुकी थी। कई बंदियों ने पूरे 365 दिन की पैरोल कोविड- 19 के दौर में ली।
पैरोल से वापस नहीं आने वाले बंदियों को लेकर भी जेल प्रशासन सख्त रहेगा। यदि कोई बंदी तय दिनांक पर जेल में हाजिर नहीं हुआ तो उस पर अगले दिन आपराधिक प्रकरण जेल प्रबंधन द्वारा दर्ज कराया जा सकता है, साथ ही उस बंदी को भविष्य में पैरोल नहीं दिए जाने का भी तय किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण अब नियंत्रित हैं, इसलिए अब बंदियों को दिए गए पैरोल की अवधि नहीं बढ़ाई जा रही है। सभी को तय समय में जेल में दाखिल होना पड़ेगा।
जीआर मीणा, एडीजी जेलF