भोपाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने कहा कि अंतिम सोपान के अंतिम व्यक्ति (last man) तक अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं (good health services) पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार (Central Government and Madhya Pradesh Government) निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी टीम मध्यप्रदेश में बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जो कार्य कर रही है, उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। राज्य के लोग निरोगी एवं सुखी रहें, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।

राष्ट्रपति कोविंद ने शनिवार शाम को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश की नवीन स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने 8 शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं में 154 करोड़ 78 लाख रुपये की लागत के नवीन निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं 4 शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं के 72 करोड़ 3 लाख रुपये के नव-निर्मित भवनों का लोकार्पण किया। साथ ही भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के क्षेत्रीय श्वसन रोग संस्थान, ऑर्थोपेडिक एक्सीलेंस सेंटर, ड्रग स्टोर एवं अधीक्षक कार्यालय का भूमि-पूजन किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य का कितना ध्यान रखती है, यह इस बात से स्पष्ट है कि यहां कार्यक्रम स्थल पर फॉगिंग मशीनें लगाई गई हैं, जिससे यहां बैठे लोगों को गर्मी और लू न लगे। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद देता हूं और उनकी इस पवित्र भावना का सम्मान करता हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश में यह मेरी सातवीं यात्रा है। मध्यप्रदेश से मेरी मधुर स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। आज स्वास्थ्य सेवाओं, आरोग्य, आयुर्वेद के कार्यक्रमों में शामिल होकर मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। प्रदेश में आज स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन हुआ है। यह स्वास्थ्य अधो-संरचना को मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा कि अदृश्य महामारी कोविड की असाधारण चुनौती से निपटने में डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्य कर्मियों आदि ने सेवा, त्याग और बलिदान का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। सभी ने एकजुट होकर कोविड का सामना किया और भारत कोविड नियंत्रण में सफल रहा। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हमारी प्राथमिकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जब व्यक्ति बीमार होता है, तो सबसे पहले उसे भगवान याद आते हैं और उसके बाद उसे डॉक्टर या नर्स सामने दिखाई देते हैं। डॉक्टर के तसल्ली के दो शब्द दवा का काम करते हैं। चिकित्सा का मूल मंत्र है “कामये दुःखताप्तानां प्राणिनाम् आर्तिनाशनम्” अर्थात वे मरीजों के दु:ख को दूर करने की भावना से कार्य करते हैं। कभी-कभी मरीज और उनके परिजन डॉक्टर्स के साथ बदसलूकी करते हैं, यह नहीं होना चाहिये, उन्हें धैर्य और संयम रखना चाहिये।

राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशों की तुलना में भारत में इलाज सस्ता है। भारत मेडिकल टूरिस्ट हब बनता जा रहा है। विभिन्न देशों में भारतीय मूल के डॉक्टर अच्छी सेवाएं दे रहे हैं। हमारे चिकित्सक “सर्वभूत हिते रता:” अर्थात प्राणी मात्र की सेवा की भावना से कार्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि बहुत से चिकित्सक विदेशों, शहरों में कार्य न करते हुए छोटे-छोटे ग्रामों में सेवा, त्याग और समर्पण की भावना के साथ कार्य कर रहे हैं। पद्म सम्मान देते हुए मेरे सामने मध्यप्रदेश के रतलाम की एक चिकित्सक डॉ. लीला जोशी का उदाहरण सामने आया। वे जनजातीय शहरी मलिन बस्तियों में गत दो दशकों से एनीमिया उन्मूलन का कार्य कर रही हैं। उनका कार्य सराहनीय है।

राष्ट्रपति द्वारा प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राष्ट्रपति का राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंग-वस्त्रम एवं पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

राष्ट्रपति कोविंद ने रिमोट से बटन दबाकर स्वास्थ्य विभाग के 154 करोड़ 78 लाख 8 हजार रुपये लागत की 8 शहरी स्वास्थ्य संस्था भवनों का भूमि-पूजन और 72 करोड़ 3 लाख 94 हजार रुपये लागत के 4 स्वास्थ्य संस्थाओं के नव-निर्मित भवनों का लोकार्पण किया। उन्होंने 55 करोड़ 63 लाख रुपये लागत के 182 बिस्तर क्षमता के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज, 84 करोड़ 94 लाख रुपये लागत के 133 बिस्तर क्षमता के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्थोपेडिक और 32 करोड़ 34 लाख रुपये लागत के अधीक्षक कार्यालय और सेन्ट्रल ड्रग स्टोर भवन निर्माण का भूमि-पूजन किया।