इन्दौर। भाजपा में टिकट का विरोध करने वालों पर संगठन की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। न ही किसी ने अभी डेमेज कंट्रोल की कवायद की है। संगठन के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी के फैसले के खिलाफ जाने वालों की रिपोर्ट बनाकर दिल्ली भेजी जाएगी। इंदौर के दो नेताओं सहित झाबुआ के भानू भूरिया के नाम भी खुलकर विरोध सामने आया है।
भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर (Rajesh Sonkar) को सोनकच्छ से टिकट दिए जाने के विरोध में राजेन्द्र वर्मा के समर्थकों ने बुधवार को भोपाल में खूब बवाल मचाया था और बड़े नेताओं की गाडिय़ां तक रोक दी थी। इस बीच सोनकर ने विरोध करने वालों से भी संपर्क करना शुरू कर दिया है और देवास जिला संगठन के नेताओं से बात करना शुरू कर दी है। सोनकर 28 अगस्त को सोनकच्छ जाकर चुनाव कार्यालय का शुभारंभ करेंगे। वर्मा विरोधी अब चुप हैं। वहीं इंदौर के नेता राजकुमार मेव को बागी बताते हुए महेश्वर के नेताओं ने विरोध कर दिया था। महेश्वर में पिछली बार के चुनाव में मेव बागी के रूप में चुनाव लड़े थे और उन्हें इस पर पार्टी ने अपना अधिकृत उम्मीदवार बना दिया। इसको लेकर महेश्वर में पुतला भी जलाया गया। इसके साथ ही झाबुआ से पिछली बार उपचुनाव हार चुके भानू भूरिया को फिर से टिकट देने का विरोध स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है। भानू की पत्नी भी पंचायत में जनप्रतिनिधि हैं और भानू खुद जिलाध्यक्ष हैं। एक ही व्यक्ति को बार-बार पद दिए जाने से यहां के भाजपाई नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के फैसले को लेकर जो लोग सार्वजनिक रूप से विरोध कर रहे हैं, उनकी जानकारी संगठन ने इक_ा की है। चूंकि इस बार दिल्ली से ही चुनाव संबंधी गतिविधियां संचालित हो रही हैं, इसलिए रिपोर्ट बनाकर इसकी जानकारी दिल्ली भेजी जा रही है।