भोपाल । मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि वो अपने पैसों से तिरंगा खरीद कर उसकी तस्वीर वेबसाइट पर अपलोड करें ।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत राज्य में हर सरकारी कर्मचारी को तिरंगा खरीद कर घर में लगाना है, साथ ही उसकी तस्वीर हर घर तिरंगा की वेबसाइट पर भी अपलोड करनी है। बता दें कि प्रदेश के धार जिले में हर शिक्षक को 300 रुपये खर्चने हैं और कम से कम 10 झंडे बांटने हैं। इन सबके अतिरिक्त विभाग का आदेश ये भी है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न हो। ये आदेश पंचायत, आंगनबाड़ी सबको मिला है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक लाल सिंह ने कहा कि प्रत्येक टीचर को 10 झंडे उपलब्ध कराने हैं। एक झंडा घर पर लगाना है और बाकी गरीब लोगों को बांटना है, वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उर्मिला ने कहा कि हमें 4 झंडे दिए गए हैं। 25 रु का एक झंडा है। उसमें से एक घर पर लगाना है, एक आंगनबाड़ी में, एक प्रभात फेरी में और एक बच्चों को देना है।
भोपाल में बीजेपी के दफ्तर में बिक रहे तिरंगे की कीमत 20 और 10 रुपये उसके डंडे की कीमत है। इस संबंध में पार्टी का कहना है कि कई परिवार है, जो पहली बार घर में झंडा लगाएंगे। ऐसे में कम कीमत में तिरंगा उपलब्ध करा कर वो उनकी मदद कर रहे हैं। इधर, झंडा खरीदने आए ग्राहक ने कहा कि वो झंडे कॉलोनी में मंदिर पर, टंकी पर और जहां-जहां लगा सकते हैं लगाएंगे। फिर उसे कॉलोनी में वितरित भी करेंगे, वहीं झंडे भेज रहे नीरव प्रधान ने कहा कि हम पहले दिन 1000 रु. के झंडे लेकर आए थे। उसे बेचा और जो कलेक्शन हुआ उससे और झंडे लाए। जो बिक्री होती है उसकी एंट्री हो रही है।
फिलहाल, इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने है। एक तरफ जहां बीजेपी कांग्रेस को विकृत मानसिकता का बता रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को ध्वज बेचना शर्मनाक लग रहा है। मध्यप्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि हर घर तिरंगा लहराए, ये हमारा भाव है। हमारा भाव राजनीति नहीं है। हमने केवल तिरंगा उपलब्ध कराया है। हम तिरंगा बेच नहीं रहे हैं। फ्री की संस्कृति कांग्रेस की है। कांग्रेस विकृत मानसिकता वाली पार्टी है। उन्होंने गांधी के विचारों को बेच दिया।
इधर, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि आरएसएस ने 62-65 साल तक तिरंगा नहीं लहराती थी। अब उन्हें शौक जागा है तिरंगा बेचने का। बीजेपी कार्यालय में तिरंगा बेचने की बात की गई तो हमारा दिल मचल गया हमने तय किया कि हम निशुल्क तिरंगा बांटेंगे।