भोपाल। विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरे लहर में की संभावना जताई जा रही है। कुछ विशेषज्ञों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि इस लहर में बच्चों का सबसे ज्यादा खतरा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यालयों का अभी न खाेलने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इस वर्ष ट्यूशन फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा सीएम ने अन्य चार बड़े फैसले भी लिए हैं।
पाठ्यक्रमों से इस भाग को हटाने के दिए आदेश
मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में से उन अंशों को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं जिसमें महिलाओं को कमतर दिखाया गया है। इसके साथ ही पाठ्यक्रमों को ऑडिट कर जेंडर न्यूट्रल बनाने के भी निर्देश दिए हैं।  
अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के दिए निर्देशसीएम ने कोरोना महामारी की वजह से अनाथ हो चुके बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंप दी है। वहीं महिलाओं को टूर ऑपरेटर, वाहन चालक और ट्रैवल गाइड जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने का आदेश भी दिया है।
पोषण स्तर की हो जांचसाथ ही मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ियों और मिड डे मील में अधिक मात्रा में अनाज को शामिल करने के साथ-साथ शासकीय, निजी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में हर तीन महीने में बच्चों का पोषण स्तर और खून की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं।
समान शब्दावली का हो उपयोगशिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर एमपी के तहत महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण विषय पर हुई बैठक में कहा कि महिला अधिकारियों-कर्मचारियों के पद के नाम में भी समानता होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर शिक्षिका, प्राचार्या के स्थान पर समान शब्दावली जैसे शिक्षक, प्राचार्य आदि पदनाम का उपयोग किया जाना चाहिए।

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