ग्वालियर। विधानसभा चुनाव की हार के बाद से कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। पुराने नेता पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। अब ग्वालियर और मुरैना के दोनों टिकट घोषित होने के बाद कांग्रेस के ही दो नेता चुनौती बन गए हैं। ग्वालियर से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक और मुरैना से सत्यपाल सिंह सिकरवार को प्रत्याशी बनाने का पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। मुरैना सीट पर सत्यपाल सिंह सिकरवार के नाम का एलान होने के बाद पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत विरोध में खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत के निर्णय लेना ठीक नहीं है। रावत ने कहा कि बिना सोचे समझे कार्यकर्ताओं पर उम्मीदवारों को थोपना गलत है। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से मुरैना प्रभारी की भूमिका से हटाने को कह दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ ग्वालियर लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को लेकर भी आपत्ति है। पाठक के विरोध में जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने प्रवीण पाठक पर पार्टी के किसी कार्यक्रम में नहीं आने के आरोप लगाए। शर्मा ने कहा कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जो ना तो किसी कार्यक्रम में आते हैं। ना किसी धरना प्रदर्शन में आते है। वह सीधे टिकट लेकर आ जाते है। शर्मा ने कहा कि पांच साल विधायक रहने के बावजूद वह किसी कार्यक्रम में नहीं आए। उन्होंने कहा कि इस तरह टिकट वितरण से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बात वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा दी। हालांकि, उन्होंने चुनाव के समय इस्तीफा नहीं देने की बात कही है।
बता दें, कांग्रेस ने मुरैना, ग्वालियर और खंडवा सीट पर लंबी प्रक्रिया के बाद टिकट घोषित किए थे। मुरैना सीट पर भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर प्रत्याशी है। शिवमंगल भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी है। उनका मुकाबला सत्यपाल सिंह सिकरवार से होगा। सत्यपाल सिकरवार भाजपा के टिकट पर सुमावली से विधानसभा का चुनाव जीते थे। उनके पिता गजराज सिंह सिकरवार भी तीन बार विधायक रह चुके हैं। उनके भाई सतीश सिकरवार ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस से विधायक और उनके भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर महापौर है। वहीं, ग्वालियर सीट पर भाजपा की तरफ से भरत सिंह कुशवाह प्रत्याशी है। उनका मुकाबला प्रवीण पाठक से होगा। पाठक युवा नेता और पिछली बार कांग्रेस से ग्वालियर दक्षिण सीट से विधायक थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा। अब पार्टी के अंदर दोनों प्रत्याशियों के विरोध से मुश्किल हो सकती है।