भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम की नई सरकार बनते ही कुछ बड़े फैसले होना शुरू हो गए हैं जिससे महापौर समेत कई दिग्गजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. संभागीय कमिश्नर ने एक लेटर भेजा है जिससे एक दशक से ज्यादा पुराने घोटाले की फाइल खोली जा रही है.
भोपाल के एमपी नगर विकास घोटाले की फाइल फिर से खुल गई है. कमिश्नर कोर्ट ने 39 तत्कालीन पार्षदों को नोटिस भेजे हैं जिनमें वर्तमान महापौर मालती राय भी थीं. इसके अलावा इसमें पूर्व सांसद और वर्तमान विधायक के नाम भी शामिल हैं. उन सबको नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस से हलचल मची हुई है.
इन नामों में पूर्व सांसद अलोक संजर,वर्तमान विधायक बैरसिया से विष्णु खत्री भी थे. काॅन्ट्रैक्टर को 85 लाख अधिक भुगतान करने का आरोप लगा है. नोटिस पर 26 जुलाई की तारीख दर्ज है, सभी को 23 अगस्त को बुलाया गया है. दरअसल, 85 लाख रुपये का खेल कंपनी का कम रेट का ऑफर ठुकराया और ज्यादा रेट पर उसी कंपनी को वर्क ऑर्डर दे दिया.
2005 में एमपी नगर जोन-2 में 5 करोड़ 45 लाख 70 हजार रुपये की लागत से सीसी रोड का निर्माण होना था. एक कंपनी ने एसओआर से 7.2 फीसदी कम रेट पर ऑफर दिया था. नगर निगम परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया था. भाजपा पार्षदों के विरोध के कारण बहुमत के आधार पर टेंडर रद्द कर दिया गया. बाद में उसी कंपनी ने एसओआर से 8.38 प्रतिशत अधिक का ऑफर दिया. उसे परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई. इस वजह से नगर निगम को 85 लाख रुपये अधिक भुगतान करना पड़ा था.