भोपाल। नया सत्र 2022-23 को लेकर कालेजों में कक्षाएं लगाना शुरू हो चुकी हैं। इस बीच विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने अहम फैसला लिया है। अक्टूबर से सभी कालेजों में छात्र-छात्राओं की अटेंडेंस बायोमेट्रिक मशीन से लगेंगी। इसके लिए सरकारी से लेकर निजी कालेजों को महीनेभर में मशीन लगाने को बोला है। विभाग ने 500 छात्र-छात्राओं पर एक मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। सरकारी कालेजों को मशीनों का खर्च जनभागीदारी से करने पर जोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, उपस्थिति का पूरा रिकार्ड कालेजों को रखना है। प्रत्येक महीने रिपोर्ट अतिरिक्त संचालक को भेजना है। कोरोना के बाद कालेजों में आफलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। मगर कालेजों में यह व्यवस्था का बेहतर ढंग से पालन होता नजर नहीं आता है, जिसमें 70 प्रतिशत सरकारी और निजी कालेज दोनों शामिल हैं। व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए विभाग ने बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर जोर दिया है। वैसे 2019 में भी व्यवस्था लागू करने की गई, लेकिन मार्च 2020 में कोरोना की वजह से लाकडाउन लगा। आनलाइन कक्षाएं लगाना पड़ीं। मगर अब कालेजों को सख्ती से निर्दशों का पालन करने को कहा है।
निगरानी की जिम्मेदारी प्राचार्यों को सौंपी
कालेजों में अक्टूबर तक मशीनें लगाई जाएगी, ताकि 1 अक्टूबर से विद्यार्थियों की उपस्थिति मशीन में दर्ज की जाए। मशीनों की निगरानी की जिम्मेदारी प्रत्येक कालेजों के प्राचार्यों को सौंपी गई है। वहीं, अतिरिक्त संचालक को एक कमेटी बनाना है, जो उपस्थिति के बारे में कालेजों से हर महीने रिपोर्ट लेगी। अतिरिक्त संचालक डा. सुरेश सिलावट का कहना है कि कालेजों में आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति मशीन में दर्ज कर विश्वविद्यालय को भी भेजें। सिलावट ने बताया कि अनियमितता बरतने वाले कालेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।