भोपाल। केंद्र सरकार के एक फैसले से प्रदेश की जेलों में बंद कई बंदियों को आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सजा में विशेष छूट दी जा सकती है। जिसमें तीन चरणों में ऐसे चुनिंदा बंदियों को रिहा किया जाएगा, जिनकी सजा आधे से ज्यादा पूरी हो चुकी है। इन्हें 15 अगस्त के बाद 26 जनवरी 2023, और 15 अगस्त 2023 को तीन चरणों में रिहाई की जाएगी।
हालांकि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में ऐलान ही किया है, प्रदेश के जेल मुख्यालय को इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से आदेश का इंतजार है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य बंदियों की ओर से जेल में अनुशासन का पालन करना, अच्छा आचरण रखना, अच्छा काम सीखने की संभावनाओं को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय मध्य प्रदेश शासन को आदेश जारी करेगा जिसमें उन्हें योग्य बंदियों के मामलों को दिशा-निदेर्शों और समयसीमा के अनुसार सजा में विशेष छूट दिये जाने का प्रावधान होगा। बंदियों को राज्य के सक्षम अधिकारी की आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद कैदियों को रिहा करने की सलाह दी जाएगी।
हालांकि, कुछ गंभीर अपराधों में शामिल बंदी विशेष छूट के पात्र नहीं होंगे। जेल में अपनी सजा अवधि के दौरान लगातार अच्छा आचरण रखने वाले बंदियों को ही अलग-अलग श्रेणियों में विशेष छूट दी जाएगी।
जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी
प्रदेश की केंद्रीय, जिला एवं उपजेलों में क्षमता से 18 हजार बंदी ज्यादा हैं। इनमें से 11 केंद्रीय जेल, 41 जिला जेल और 73 उपजेलों में 47 हजार 405 बंदी हैं। इस वर्ष जनवरी तक प्रदेश में विचाराधीन बंदियों की संख्या 27 हजार 936 है। इनमें से 26 हजार 9090 पुरुष और 1027 महिलां बंद है। वहीं सजायाफ्ता बंदियों की संख्या 19 हजार 469 हैं। इनमें से पुरुषों की संख्या 18 हजार 674 है। जबकि 795 महिलाएं बंदी है।
इन्हें मिल सकती है विशेष छूट
50 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला, ट्रांसजेंडर अपराधी जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इसी तरह 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुष अपराधी जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। शारीरिक रूप से 70 प्रतिशत और अधिक दिव्यांग अपराधी जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। गरीब या निर्धन बंदी जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन जुर्मान का भुगतान न करने के कारण अभी भी जेल में हैं।