जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया. साल 2022-23 के लिए पेश हुए इस बजट का भाषण करीब तीन घंटे से ज्यादा चला. इस बजट के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी वर्गों को एक साथ संतुष्ट करने की कोशिश की है। राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पेश करते हुए बड़ी घोषणा की है। सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की वेतन कटौती का 2017 का फैसला वापस लिया है।  इससे सरकार पर 1000 करोड़ का भार आएगा। इसके अलावा प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू होगी, 1 जनवरी 2004 के बाद की नियुक्तियों को भी इसका लाभ मिलेगा। सीएम गहलोत ने कहा कि हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।

इसलिए 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं। जानकारों का मानना है। कि नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित होने के साथ जोखिम पूर्ण है. जिसमें महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलता है। वहीं पुरानी पेंशन स्कीम में बहुत सारी सुविधाएं थीं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए गहलोत का ये फैसला मास्टर स्ट्रोक हो सकता है। यूपी चुनाव में पुरानी पेंशन का मुद्दा बहुत बड़ी चुनावी बहस का मुद्दा बनकर उभरा है।