भोपाल। मध्यप्रदेश में तीन माह के अंतराल में पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलाई गई कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस इस बार कई अधिकारियों के लिए भारी पड़ सकती है।
इसके पहले कोरोना की तीसरी लहर के दौरान हुई कांफ्रेंस में हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के तेवर नरम थे लेकिन दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 24 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज ने वरिष्ठ अधिकारियों और कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की उच्चस्तरीय बैठक में साफ कर दिया है कि काम करने वाले ही टिकेंगे।
इसके बाद ब्यूरोक्रेसी में यह हलचल है कि आठ अप्रेल को होने वाली कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री कमजोर परफार्मेंस वाले अधिकारियों पर एक्शन ले सकते हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होने वाली यह बैठक फरवरी और मार्च में तीन बार स्थगित होने के बाद अब होने वाली है। इसमें 20 जनवरी 2022 को हुई बैठक में दिए गए निर्देशों पर एक्शन की समीक्षा के बाद कानून व्यवस्था, माफिया के विरुद्ध कार्यवाही एवं महिला अपराध नियंत्रण की स्थिति की समीक्षा होगी।
साथ ही कृषि के विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के विषय में रणनीति पर चर्चा, मनरेगा के कार्यो की समीक्षा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण एवं संधारण कार्य की समीक्षा मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्यमंत्री का फोकस गरीबों को आवास बनाकर देने पर है। इसलिए बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा, वन भूमि एवं राजस्व भूमि संबंधी विषयों, एक जिला-एक उत्पाद योजना के क्रियान्वयन, बेस्ट प्रेक्टिसेस का प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की जाएगी।