ग्वालियर। मप्र नर्सेस एसोसिएशन अब सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई हैं। पिछले कुछ दिनों से चरणबद्ध आंदोलन करने के बाद भी नर्सेस ने अब अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले लिया है। मप्र नर्सेस ऐसोसिएशन की अध्यक्ष रेखा परमार का कहना है कि हम पहले चरण में शांति पूर्ण आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन हमारी मांग पर शासन ने ध्यान नहीं दिया है। इसी के चलते मप्र नर्सेस एसोसिएशन के सदस्य पूरे प्रदेश में 28 जून को अवकाश पर रहेंगी इसके बाद 30 जून से  अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। नर्सेस ने इसको लेकर प्लानिंग करना भी शुरू का दिया है। गौरतलब है कि नर्सेस ने अभी हुए आंदोलन में पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन के साथ ही दो घंटे काम बंदी के साथ ही मानव श्रृंखला बनाना जैसे तरीके अपनाए, लेकिन सरकार ने इनकी मांगों की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। नर्सेस की मांगों की बात की जाए तो उनमें पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाए, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में मेल नर्स की भर्ती की जाए, कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए। कोरोना काल में शासन स्तर पर जितनी भी घोषणा की गई उन पर अमल नहीं किया गया कोविड -19 में नर्सों को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ उनकी सैलरी में लगाया जाए। 2018 के आदर्श भी नियमों में संशोधन करते हुए 70 % , 80 % एवं 90 % का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कि जाए ।  इसके साथ ही सरकारी कॉलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा हेतु आयु बंधन हटाया जाए एवं मेल नर्स को समान अवसर दिया जाए। कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती कि गई नर्सेस को नियमित किया जाए एवं प्राइवेट कम्पनी से लगाई गई नर्सों को भी उनकी योग्यता के अनुसार नियमित किया जाए आदि मांगे शामिल हैं।

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