भोपाल। प्रदेश में अभी तक थर्ड जेंडर के साथ भेदभाव की बातें सामने आती रही है। सरकारें भी उनको न तो नौकरी में पात्र मानती थी और न किसी सरकारी योजना का लाभ उनको मिल पाता था। इसी भेदभाव को कम करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
प्रदेश की सरकारी नौकरियों में जल्द ही थर्ड जेंडर को पात्रता मिलेगी इसके साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा। प्रदेश में अब थर्ड जेंडर अपनी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था इसमें पीएससी और पीईबी के तहत होने वाली भर्ती परीक्षाओं के आवेदनों में थर्ड जेंडर्स का कॉलम जोड़ने का आग्रह किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मध्य प्रदेश में अभी तक सरकारी नौकरियों की भर्ती और कल्याणकारी योजनाओं के आवेदन में महिला और पुरूष का ही विकल्प होता था, इस नियम के चलते थर्ड जेंडर्स को आवेदन ही नहीं कर पाते थे। नया नियम लागू होने के बाद मध्य प्रदेश में पहली बार सरकारी भर्ती के आवेदन पत्र और सरकारी योजनाओं के आवेदन पत्रों में महिला, पुरूष के साथ ही थर्ड जेंडर का विकल्प देखने को मिलेगा।
दरअसल थर्ड जेंडर समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मांग की थी कि उन्हें भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन का मौका दिया जाए। इसपर कोर्ट ने सरकारों को आदेश दिया कि समाज के अंग होने के चलते थर्ड जेंडर को भी मौका दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन करते हुए अब प्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग ने थर्ड जेंडर को तीसरे विकल्प में रखने का प्रस्ताव भेजा था।