कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा के विशेष सत्र (Bengal Assembly news) के दूसरे दिन बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक पेश किया। चर्चा के बाद विधेयक को विधानसभा से पास कर दिया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय और दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित व सख्त सजा देना है।

विधेयक में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के अंदर मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। दुष्कर्म विरोधी इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है। राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायकों ने भी इस विधेयक का समर्थन किया। अब विधेयक को राज्यपाल के पास भेज जाएगा।

बंगाल विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैं अपने सभी भाइयों और बहनों को धन्यवाद देना चाहती हूं और कहना चाहती हूं कि मैं हर दिन लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ूंगी। यह इतिहास को दोहराने और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का मामला है।

ममता बनर्जी ने कहा कि 43 साल पहले इसी दिन 1981 में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन’ के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक समाज से लेकर छात्रों तक सभी को बधाई देती हूं जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं। ममता ने कहा कि हम पुलिस के बीच से विशेष अपराजिता टास्क फोर्स का गठन करेंगे ताकि समयबद्ध तरीके से जांच पूरी हो सके।