ग्वालियर। टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश अब चीता स्टेट भी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को पिंजरों से छोड़ा। इसके साथ ही प्रदेश की भूमि पर एक बार फिर चीते अपनी शानदार तेज रफ्तार के साथ पर्यटकों को मोहित करते नजर आएंगे।
आपको बता दें कि देश से लुप्त हो चुके चीतों को नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बॉक्स खोलकर इन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। जिसके बाद वहां मौजूद अधिकारी और कर्मचारियों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे लेकर बहुत खुश हैं और चीता परियोजना के लिए प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क का चयन किए जाने को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा कूनो पालपुर में चीतों के पुनर्स्थापना के रूप में नया आगाज हो गया है। इससे मध्य प्रदेश और श्योपुर भारत ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर उभरेगा। ऐसे मेरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि वन्य जीव के क्षेत्र में श्योपुर का पुराना इतिहास रहा है। सन 1905 में मेरे पूर्वज माधौ महाराज प्रथम ने इथियोपिया से शेरों को पुनर्स्थापन कराया था। चीतों के आने से हमारे आदिवासी भाई बहनों को रोजगार के साधन व पर्यटन को विस्तार मिलेगा। भारत को विश्व में आर्थिक संपन्न और विश्व गुरु बनाने की जो सोच प्रधानमंत्री की है, ये उसकी और एक प्रयास और कदम है।
विदित हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से कहा कि ‘मैं हमारे प्रदेश का सौभाग्य मानता हूं। हम टाइगर स्टेट तो है ही, लेपर्ड स्टेट भी हैं, अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी होने वाला है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं। यहां वाइल्ड लाइफ पनपेगी और कई गांव हटाए थे, ताकि वह सुरक्षित सेंचुरी बने। जहां चीते आएं और बाकी तरह की वाइल्ड लाइफ भी वहां रहे। अब वह सपना साकार हो रहा है, संकल्प पूरा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नामीबिया से चीते आ रहे हैं। यह असाधारण घटना है। असाधारण इसलिए क्योंकि लगभग 1952 के आस -पास हमारे देश में चीतों का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब दूसरे महाद्वीप से चीते लाकर उनको यहां पुनर्स्थापित कर रहे हैं। शायद यह इस सदी की सबसे बड़ी घटना है, दूसरा महाद्वीप से चीजों को लाकर हम बसाएंगे। कोशिश यह करेंगे कि स्वाभाविक रूप से चीते का परिवार बढ़ता रहे।’
शिवराज ने कहा कि चीता आना, एक विलुप्त होती हुई प्रजाति को फिर से पुनर्स्थापित करने का काम तो है ही, लेकिन यह पर्यावरण का संतुलन भी बनाएंगे। वाइल्ड लाइफ समृद्ध होगी। केवल इतना ही नहीं, श्योपुर जिले और उसके आस-पास रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। चीते अभी पहुंचे नहीं हैं लेकिन जमीन की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं। होटल, रिसॉर्ट, गाडियां लगेंगी छोटे मोटे काम धंधे चालू होंगे। उस इलाके की तस्वीर ही बदल जायेगी। यह वाकई अद्भुत घटना है।
मप्र के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए विशेष विमान से नामीबिया से चीते लाए गए हैं। विशेष विमान से 8 चीतों को यहां लाया गया । यह विमान शनिवार ग्वालियर पहुंचा जहां से वायुसेना के हेलिकॉप्टर से कूनो पहुंचे । यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को कूनो पार्क में इनको छोड़ा।