भोपाल । डॉ मोहन यादव के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही अब सियासी गलियारों में मोहन मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई है।खबर है कि सीएम के नाम की तरह ही मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों के नाम पर फैसला भी दिल्ली हाई कमान और संगठन द्वारा लिया जाएगा। यहां बड़े नेताओं के साथ चर्चा के बाद नए मंत्रियों के नामों की लिस्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा, इसके लिए सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी दिल्ली जा सकते है । संभावना जताई जा रही है कि अगले हफ्ते में मंत्रिमंडल विस्तार कर नए मंत्रियों को शपथ भी दिलाई जा सकती है।

मोहन कैबिनेट में शामिल हो सकते है कई बड़े नेता

खबर है कि जातिगत समीकरणों को साधते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है, इसमें कई बड़े नेताओं के नाम शामिल रहेंगे, क्योंकि इस बार कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल और रीति पाठक जैसे कई दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा गया था और वे जीत हासिल कर पार्टी की उम्मीदों पर भी खरे उतरे है, ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना तय माना जा रहा है। वही कई नाम चौंकाने वाले भी हो सकते है, क्योंकि जिस तरह से  बीजेपी ने सीएम के नाम को लेकर चौंकाया था ठीक उसी तरह मंत्रिमंडल के विस्तार में भी कई चौंकाने वाले नाम हो सकते हैं।इसके अलावा कुछ महिला विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है।

इधर, सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री चयन की तरह समानांतर रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिग्गज नेता अपनी कवायद कर रहे हैं। वे अपनी सूची भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश को सौंपेंगे। विजयवर्गीय प्रदेश के कद्दावर नेता हैं। वह भी इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। इसके अलावा रमेश मेंदौला सहित उनके कुछ समर्थक विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की आस लगा रहे हैं।

बेहद चुनौती भरा काम है

मुख्यमंत्री यादव के साथ ही पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व के सामने इस बार मंत्रियों का चयन और फिर विभागों का बंटवारा बेहद चुनौती भरा काम है। एक-दो दिन में नाम चिह्नित करने की कोशिश है। सभी की राय के बाद संभावित मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री दो-तीन दिन में दिल्ली भी जा सकते हैं। बता दें कि इस चुनाव में प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह जैसे कई बड़े नेता भी विधानसभा के सदस्य बने हैं।

अब इन्हें और इनके समर्थक विधायकों को नई जिम्मेदारी देने को लेकर हर स्तर पर माथापच्ची चल रही है। संगठन के स्तर पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आदि के बीच भी मंथन हो रहा है। दावेदार भी इनसे मिल रहे हैं। हालांकि, माना यही जा रहा है कि मंत्रियों के नाम दिल्ली से ही तय होंगे। कुछ लोग यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि अधिमास की वजह से अभी नए मंत्रियों की शपथ नहीं होगी, लेकिन इतने दिन प्रतीक्षा कठिन होगी। ऐसे में जल्द ही नाम तय हो सकते हैं।

दिल्ली से फाइनल होंगे नाम

चर्चा तो यह भी है कि बीजेपी हाई कमान के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर मंथन कर रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ ही पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व के सामने इस बार मंत्रियों का चयन और फिर विभागों का बंटवारा बेहद चुनौती भरा होने वाला है।खबर है कि सभी की राय के बाद संभावित मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री दो-तीन दिन में दिल्ली भी जा सकते हैं।सुत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी गुजरात का फॉर्म्यूला अपना सकती है, क्योंकि इस बार सीएम के साथ 2 डिप्टी सीएम बनाए गए है। वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।