दुष्कर्म के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे आसाराम पर एक अन्य शिष्या ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आसाराम मेरे साथ 6 वर्ष तक शारीरिक शोषण किया है जिसका दर्द आज भी मैं झेल रही हूं. अनिश्चितता के आरोप के बाद आसाराम की धड़कन और बढ़ गई है.
इधर बता दें कि वर्ष 2013 में एक सूरत की रहने वाली महिला ने आसाराम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वर्ष 2001 से लेकर 2006 तक आसाराम के द्वारा मेरे साथ सैकड़ों बार दुष्कर्म किया गया है. शिष्य ने आरोप में कहा है कि आसाराम के द्वारा मोटेरा आश्रम में दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया जाता था.आसाराम के दांत के आगे कोई भी शिष्याकुछ भी बोलने को तैयार नहीं रहती थी. आसाराम की जब इच्छा होती थी तब ही अपने शिष्या के साथ गलत काम करते थे.
इधर कहा जा रहा है कि शुरुआती तौर पर 8 आरोप लगाए गए थे. 2014 में आसाराम सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया जहां 2016 में आरोप को सिद्ध पाया गया. इस दौरान एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी.आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की एक कोर्ट ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया था उन्हें जेल हो गई थी. इधर आसाराम के वकील ने कहा है कि फैसले का अध्ययन करने के बाद हम इसे हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. कोर्ट ने इस मामले में सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी बेटी सहित अन्य को रिहा कर दिया था. आसाराम को दुष्कर्म अप्राकृतिक यौन अपराध व अन्य अपराधों का दोषी करार दिया गया था.
इधर बताया जाता है कि आसाराम को गांधीनगर की एक कोर्ट ने शिष्या से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. कहा जाता है कि जिस पीड़िता के साथ आसाराम ने दुष्कर्म किया था उसकी उम्र आसाराम की बेटी से भी कम थी. अपराधी का कृत्य समाज की नजरों में बेहद घृणित था. जिसके चलते उन्हें कठोर सजा दी जानी चाहिए थी बताया जाता है कि सजा सुनाए जाने से पहले आसाराम ने खुद को फसाए जाने का दावा करते दिखाई दे रहे थे वह आदतन अपराधी हैं.उस पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उसे उम्र कैद की सजा दी जाए. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों पर अपनी मुहर लगा दी.