भोपाल। देंश भर में कोविड़ संक्रमण को लेकर लोगों का डर अभी गया नहीं कि Zika Virus ने भी डराना शुरू कर दिया है। केरल में Zika Virus की दस्तक के बाद MP में भी अलर्ट जारी हो गया। स्वास्थ्य संचालनालय में उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवाल ने सभी जिला प्रशासन को Zika Virus के खतरे से आगाह किया। इसमें कहा गया है Zika Virus का संदिग्ध मरीज मिलने पर जांच कराने में देरी नहीं करें। साथ ही ऐसे मरीजों को Isolation में रहने की सलाह दें। केरल से आने वाले लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं तो विशेषष निगरानी करने को कहा गया है। साथ ही सभी CMHO को जिम्मेदारी दी गई कि वे जिले के सभी निजी अस्पतालों को भी को Zika लेकर अलर्ट करें।
MP में Zika Virus की सबसे पहले वर्ष 2018 में दस्तक हुई थी। पहले 3 मरीज मिले और इसके बाद कुल मरीजों का आंकड़ा 130 तक पहुंच गया। भोपाल में 44 मरीज मिले थे। हालांकि, किसी मरीज की इस बीमारी से मौत नहीं हुई थी। MP में Zika Virus की जांच 3 जगह पर होती है। इसमें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल की वायरोलॉजी लैब, एम्स, भोपाल और NIRTH जबलपुर शामिल है। सैंपल भेजने के अगले दिन जांच रिपोर्ट आ जाती है।
Zika Virus के लक्षण: 2 से 7 दिन तक बुखार, आंखें लाल होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, छाती या हाथों में खसरा जैसे चकत्ते/दाने। इस तरह फैलता है Zika बुखार: यह बीमारी Zika नामक Virus की वजह से होती है। एक से दूसरे व्यक्ति में यह बीमारी एडीज मच्छर के जरिये फैलती है। यही मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है।
यह है इलाज
जीका बुखार का अलग से कोई इलाज नहीं है। ऐसे में लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है। रोगी का बुखार 4-5 दिन बाद भी ठीक नहीं होता तो अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत नहीं होती। 7 दिन में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है।
यह सावधानी रखें:
मच्छरदानी लगाएं। घर व आसपास मच्छरों को पनपने न दें। सात दिन से ज्यादा समय तक बर्तन में पानी जमा नहीं रहने दें।