राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में छापीहेड़ा पुलिस स्टेशन है. यहां के थाना प्रभारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. थाना प्रभारी गांववालों को धमकाते हुए दिखता है और उनसे कहता है कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी नहीं डरता. इस अधिकारी का नाम राजेंद्र सिंह है.

वीडियो में दिख रहा है कि थाना प्रभारी गांववालों को थाने से बाहर जाने के लिए कहता है. इस पर गांव का युवक पुलिस अधिकारी से कहता है कि आप एफआईआर नहीं लिख रहे हैं, इसकी शिकायत दूसरे वरिष्ठ अधिकारी से की जाएगी. इसपर थाना प्रभारी कहता है कि ज्यादा नहीं बोलो, वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी नहीं डरता है. यह वीडियो 5 जुलाई का बताया जा रहा है.

थाने में खजुरी गोकुल के गांववाले शिकायत दर्ज करवाने आए थे. इसी दौरान गांववालों और थाना प्रभारी में बहस हो जाती है. दरअसल, खजुरी गोकुल के एक युवक ने शादीशुदा महिला से शादी की है. जिस महिला से शादी की है, उसका अभी पहले पति से तलाक नहीं हुआ है. इस इलाके में एक प्रथा है, जिसे यहां के लोग नातरा-झगड़ा प्रथा कहते हैं. नातरा-झगड़ा प्रथा के मुताबिक, युवक ने शादी के नियमों का पालन नहीं किया है.

राजगढ़, गुना, सिहोर जिलों में नातरा-झगड़ा प्रथा है. अगर कोई युवक शादीशुदा महिला से विवाह करता है तो नातरा-झगड़ा प्रथा के मुताबिक, उसे पहले पति को जुर्माना भरना होगा. स्थानीय लोगों की मानें तो इस इलाके में नातरा-झगड़ा प्रथा सालों से चली आ रही है. इस प्रथा के बारे में एक युवक ने बताया कि कई लोग बच्चों की शादियां बचपन में ही तय कर देते थे.

लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते और शादी करने की बात आती तो अक्सर मनमुटाव होने लगता. कई बार शादियां टूट भी जातीं और घरवाले लड़की की शादी दूसरी जगह तय कर देते. ऐसे में होने वाले दूल्हे को पहले पति को जुर्माना देना पड़ता था. हालांकि, ऐसा देखा गया है कि कई बार लोग जुर्माना नहीं भरते हैं, गुस्से में आकर पहले पति के घरवाले दूसरे के यहां जाकर तोड़-फोड़ करने लगते हैं. हालांकि, तोड़-फोड़ करना नातरा-झगड़ा प्रथा के खिलाफ है.

खजुरी गोकुल में भी ऐसा ही हुआ. पहले पति के घरवाले और 10 की संख्या में गांववालों ने दूसरे पति के खेतों पर लगे ट्यूबवेल को नुकसान पहुंचाया. इसी की शिकायत लेकर गांववाले थाना प्रभारी के पास आए थे और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे थे. वहीं थाना प्रभारी राजेंद्र ने बताया कि पूरे मामले में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. गांववाले अलग से फिर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे थे. वह उनको समझा रहे थे कि उसी मामले में उनका भी नाम जोड़ देंगे, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे.