ग्वालियर -माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम लक्ष्मीगंज में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजित चल रहा है श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन गुरुवार को सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.श्री घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने कहा कि कितना भी मकान दुकान संपत्ति बना लो लेकिन मां-बाप की सेवा से बढ़कर कोई नहीं है ।कथा के पूर्व भागवत भगवान की आरती वृद्धाश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव सचिव श्याम श्रीवास्तव संस्था अधीक्षिका सीमा सक्सेना ने आरती कर कथा श्रवण की। इस अवसर पर परीक्षित पवन भटनागर श्रीमती लक्ष्मी विजय भटनागर कथा श्रवण की।

आचार्य जी ने कहा गोबर्धन की हम करते है गो माने इंद्रियां ओर धन माने खजाना इंद्रियों के खजाने पर अपना काबू पा लिया बही गोबर्धन की पूजा है।ब्यक्ति का चरित्र ही उसे महान बनाता है श्रीकृष्ण ने यही लीला की जिससे सभी गोकुलवासी सुखी थे उन्होंने कहा कि माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है कन्हैया ने अपने भक्तों के मान की चोरी की है इस प्रकार उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया तत्पश्चात पूतना वध,गोवर्धन लीला के बारे में बताया

उन्होंने गोवर्धन पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस प्रकार गोवर्धन पर्वत को उठाकर भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के कोप से गोकुल वासियों की रक्षा की थी भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं सदियों से यहां दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं यह 7 कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की है उन्होंने अंत मे कहा कथा व्यास ने बताया कि सच्चे मन से याद करने पर भगवान नंगे पैर दौड़ते आते हैं भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीवन के सारे पाप नष्ट होकर स्वर्गलोक प्राप्त करता है तथा सुंदर-सुंदर झांकीयो के दर्शन कराए गए कथा परीक्षित पवन भटनागर श्रीमती विजयलक्ष्मी भटनागर ने भागवत भगवान की आरती उतारी। नूतन श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत सम्मान किया । इस अवसर पर परीक्षित पवन भटनागर श्रीमती लक्ष्मी विजय भटनागर कथा श्रवण की।