सागर। मध्यप्रदेश के सागर में निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आज अपने प्रवचनों में कहा कि हम वह शक्ति कहा से प्राप्त करे जो हमारे पास है ही नही, जो हमारे पास है वह शक्ति नहीं, वह तो हमारी शक्ति को तिरोहित करने वाला है। भाग्य से शक्ति नहीं मिलती, भाग्य तो हमारी शक्ति को कमजोर करता है क्योंकि भाग्य कर्म के रूप में लिखा जाता है, कर्म सदा हमारी आत्मा को कंसता है, जकड़ता है और बंधन में डाले वह हमारी शक्तियों को कहा से उजागर करेगा।

उन्होंने कहा कि एक संसारी प्राणी कषाय इसलिए नही कर रहा है कि जेल हो जाएगी, शराबी शराब इसलिए नही पी रहा है कि जेल हो जाएगा, परिवार लूट जाएगा, जेल के डर से, परिवार के मोह से, बदनामी, दुर्गति के डर से शराब छोड़ दी। एक भी पाप नहीं कर रहा है तो धर्म हो गया, सो बात नहीं है, आप पाप क्यों नहीं कर रहे हैं सवाल इसका है? नरकों का डर है, जी, धर्म नही हुआ, पाप का त्याग, पुण्य का बन्ध हो जाएगा क्योंकि नरकों का डर है। कितने धर्मात्मा है जो मात्र नरकों के डर से पाप नहीं करते, जैसे कई बार कानून के डर से नही करते, ये त्याग नही है।

मुनि श्री ने कहा कि तुम्हारा दुश्मन भी क्यों न हो उसके फंसने पर खुशी मत मानना नही तो एक दिन तुम भी फंसोगे और वो पकड़ा गया है तुम्हे बरी रहना है जो अपराध तुम कर रहे हो और दूसरा कर रहा है, यदि तुम्हारा साथी, समाज का व्यक्ति पकड़ा जाए तो खुशी नहीं दुख मना लेना, जाओ तुम बचे रह जाओगे क्योंकि तुमने दुख मना लिया दूसरे के लिए। दूसरे के दुख को देखकर जो दुखी हो जाता है उसकी जिंदगी में दुख नहीं आता और दूसरे के दुखों को देखकर खुश हो जाता है, समझ लेना उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूटने वाला है।

उन्होंने कहा कि चार प्रकार के अपराध होते हैं- एक अपराध वह होता है जो व्यक्ति करना नहीं चाहता लेकिन जीने के लिए करता है जैसे षटकर्म ये करना पड़ता है, ये अपराध है, पाप है लेकिन इसको अपराधी नही कहते क्योंकि आजीविका चलाने वाले को पापी नही कहा। दूसरा पाप वो कहलाता है जो उसे व्यापार में करना पड़ता है, गेंहू में घर मे दीमक लग गया क्या करे। बुद्धिपूर्वक मारना, वायरस हुआ है किसी घाव पर, कोई उपाय नही है, जीवो को मारना पड़ेगा, वो मरेंगे ही मरेंगे, कोई उपाय नही है इसलिए उद्योगी हिंसा को पाप में नही लिया। हिंसा के भेद कर दिए।

उन्होंने कहा कि किसी ने दो घण्टे मशीन चलाई खेत मे, पूरा कुआ खाली कर दिया तो कहा कोई बात नही चलेगा, एक अंजलि कुल्ला करते समय तुमने जो नल चालू करके खुला छोड़ दिया, ये किसलिए यूँ, बस गैर जमानती वारेंट। अब एक-एक बूंद पानी को तरसोगे, तुम्हे ऐसे कर्म का बंध होगा कि तुम पानी पीने लायक भी नहीं रहोगे, अब होगा तुम्हारा डायलेसिस। यह डायलिसिस वाले कौन है जिन्होंने किडनी का दुरुपयोग किया होगा तो आज डॉक्टर कहता है इतने पानी से ज्यादा पानी नहीं पी सकते, ये निधत्त निकाचित कर्म बंधता है।

भाग्योदय तीर्थ परिसर में मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के सानिध्य में पर्युषण पर्व के अवसर पर विशाल श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है इसमें लगभग 5000 शिविरार्थी हिस्सा लेंगे। आयोजन की तैयारियों को लेकर विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने प्रशासनिक अधिकारियों एवम आयोजन समिति के साथ बैठक कर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर उनकी समीक्षा की, जिसमे परिसर में पानी व्यवस्था,सफाई व्यवस्था,कचरा कलेक्शन,सुरक्षा व्यवस्था आदि पर चर्चा कर उनके लिए निर्देश दिए।

निर्यापक श्रवण पुंगव जैन मुनि सुधा सागर जी महाराज के भाग्योदय तीर्थ में पहुंच रहे देश भर के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये जिला आटो रिक्शा यूनियन ने किराया राशि तय की है । यूनियन जिला अध्यक्ष पप्पू तिवारी ने किराया सूची जारी करते हुये बताया की मुनि श्री से आशीर्वाद लेते समय जैन कमेटी ने शिकायत की थी की कुछ आटो चालक जिले के बाहर से भाग्योदय आ रहे श्रद्धालुओ से अधिक किराया वसूल रहे है। जिस पर अध्यक्ष पप्पू तिवारी ने आटो रिक्शा यूनियन की बैठक आयोजित कर किराया निर्धारित करते हुये आटो चालकों क़ो चेतावनी दी है की शराब पीकर आटो ना चलाए व निर्धारित किराया से अधिक राशि ना वसूले अन्यथा आटो रिक्शा यूनियन वैधानिक कानूनी कार्यवाही से पीछे नहीं हटेगा ।
आटो रिक्शा किराया इस प्रकार रहेगा कटरा से भाग्योदय तीर्थ तक 15 रु प्रति सवारी फुल आटो किराया 80 रु, रेलवे स्टेशन क्र 1 व 2 से भाग्योदय तीर्थ तक किराया 20 रु प्रति सवारी फुल आटो 80 रु मनोरमा कॉलोनी ,गोपालगंज ,मुख्य बस स्टैंड से भाग्योदय तीर्थ तक किराया 30रु प्रति सवारी फुल आटो 120रु/, भाग्योदय तीर्थ से मंगलगिरी तक किराया 30रु प्रति सवारी फुल आटो 130 रु भाग्योदय तीर्थ से उदासीन आश्रम काकागंज तक किराया 20रु प्रति सवारी फुल आटो 100रु भाग्योदय तीर्थ से मोराजी तक किराया 20रु प्रति सवारी फुल आटो 100रु मकरोनिया सिविल लाइन से भाग्योदय तीर्थ तक किराया 30रु प्रति सवारी फुल आटो 150रु किया गया है । सागर शहर के लिये प्रति आटो स्टाप 10रु निर्धारित रहेंगे उक्त किराया निर्धारण मुनि श्री की चातुर्मास अवधि तक ही मान्य होगा ।