‘बालिका वधू’ की आनंदी से फेमस हुईं अविका कौर अब फिल्मों में नजर आने लगी हैं। उन्होंने ‘ससुराल सिमर का’ करने के बाद से साउथ फिल्म इंडस्ट्री का रुख कर लिया था। अब वह बॉलीवुड डेब्यू कर रही हैं। उनकी फिल्म ‘1920: हॉरर्स ऑफ द हार्ट’ 23 जून को थिएटर्स में रिलीज होगी। इसी के प्रमोशन के दौरान वह लगातार इंटरव्यूज दे रही हैं और इंडस्ट्री के बारे में एक-से-एक कटाक्ष कर रही हैं। ऐसे ही लेटेस्ट इंटरव्यू में उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में पसरे नेपोटिज्म पर बात की है।

दरअसल, अविका गौर ने साल 2013 में तेलुगू फिल्म Uyyala Jampala से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने ‘सिनेमा चूपिष्ठ मावा’, ‘केयर ऑफ फुटपाथ 2’, ‘एकादिकी पोथावु चिन्नावदा’, ‘राजू गरी गढ़ी 3’, और ‘नेट’ जैसी फिल्मों में काम किया। अब एक नए इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की बारे में अपने विचार बताए हैं। उन्होंने इस दौरान नेपोटिज्म का भी जिक्र किया है।

साउथ इंडस्ट्री पर बोलीं अविका गौर
आरजे सिद्धार्थ कन्नन को दिए इंटरव्यू में अविका गौर ने कहा, ‘देखिए जब स्टार पावर की बात आती है तो साउथ नें स्टार की पावर है। जब नेपोटिज्म की बात आती है, वैसे तो हम सभी यह शब्द सुनते-सुनते थक गए हैं … लेकिन साउथ में तो ये भर-भरकर है। वहां ये ही है बस। तो चीज बिल्कुल वही है, बात बस इतनी है कि दर्शक इस बात को वहां पर नहीं देख रहे हैं, जैसे यहां पर देखते हैं।’

अविका ने बॉलीवुड फिल्मों पर कही ये बात
अविका गौर ने आगे कहा, ‘हिंदी फिल्मों के लिए एक बायस क्रिएट हो चुका है कि बॉलीवुड फिल्में जो भी बनाएंगे हम पहले जज करेंगे… ये एक बायस क्रिएट हो चुका है। एक समय बाद मुझे लगता है, और जो इस इंजस्ट्री से जुड़ा है, वो भी ये समझता है कि काफी टाइम वो फेज चला, जहां पर साउथ की कई सारी रीमेक्स बनी। इसलिए लोगों को साचना है कि बम बस कॉपी करते हैं।’

नेपोटिज्म पर अविका गौर का ओपीनियन
साउथ इंडस्ट्री में अविका गौर नेपोटिज्म के बारे में बात की। कहा, ‘तेलुगू इंजस्ट्री में ये नेपोटिज्म तो एकदम सामने है। मेरा मतलब है कि कैसे लोग ये नहीं देखते हैं? मुझे लगता है कि लोगों ने इसे थोड़ा हाइप कर दिया है इन सब को। और समय के साथ उम्मीद है कि सोशल मीडिया भी रिलैक्स हो जाए और ये भी रिलैक्स हो जाए।’