नई दिल्ली. चुनाव नतीजों से दो दिन पहले भाजपा मुख्यालय में एनडीए के मंत्रियों की बैठक बुलाई गई। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेता मौजूद रहे। इसके बाद शाह ने एनडीए के सहयोगियों को रात्रिभोज दिया। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। मोदी ने कहा कि विपक्ष का ईवीएम पर विवाद खड़ा करने का कोई औचित्य नहीं है।
20 मई को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मिलकर मांग की थी कि मतगणना से पहले बिना पूर्व तयशुदा पोलिंग बूथों में वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि रात्रिभोज में एनडीए के 33 सहयोगियों ने हिस्सा लिया। 3 सहयोगी इसमें शामिल नहीं हो पाए, हालांकि उन्होंने पत्र लिखकर हमें समर्थन का विश्वास दिलाया। सिंह के मुताबिक- बीते 5 साल में हमने लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने की दिशा में किया। अब विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का वक्त है। सुरक्षा और कूटनीतिक मोर्चे पर हम काम कर रहे हैं। भारत को अब कमजोर देश के रूप में नहीं देखा जाएगा।
एनडीए के मंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मैंने जीवन में कई चुनाव देखे। लेकिन, इस बार का चुनाव किसी चुनावी अभियान जैसा नहीं लगा। यह मेरे लिए एक तीर्थ यात्रा की तरह रहा। एनडीए सरकार का कार्यकाल सफल रहा और आगे भी हमारा गठबंधन मजबूत रहेगा। बैठक में मौजूद रहीं केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने कहा- 110 फीसदी विश्वास है कि हम दोबारा सरकार बनाएंगे। विपक्ष अपनी हार की ओर देख रहा है।
एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है। भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेता भी सत्ता वापसी को लेकर आश्वस्त हैं। नेताओं को उम्मीद है कि नतीजे सर्वे के आंकड़ों से भी बेहतर होंगे। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित होंगे।
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 23 मई को गैर-एनडीए दलों को बैठक के लिए बुलाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का मानना है कि भाजपा को इस बार बहुमत नहीं मिलेगा। इसी के मद्देनजर यूपीए प्रमुख ने सेक्युलर पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। इनमें शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन, राजद और टीएमसी के नेता शामिल हैं।