रायपुर: देशभर के राज्यों में हुई रेप की घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, छत्तीसगढ़ देश में 12वें नंबर पर है। छत्तीसगढ़ में साल 2021 में 1093 रेप केस दर्ज किए गए हैं यानी हर दिन लगभग तीन रेप की घटनाएं हो रही हैं। ये वो आंकड़े हैं, जिनके केस पुलिस थानों में रजिस्टर हुए। देखा गया है कि रेप जैसी वारदातों में बहुत सी शिकायतें थानों तक पहुंचती ही नहीं।
रेप के ही मामलों में दूसरे राज्यों पर गौर करें तो राजस्थान में सबसे अधिक 6337, मध्यप्रदेश में 2947, उत्तर प्रदेश में 2845, महाराष्ट्र में 2496, दिल्ली में 1250 बंगाल में 1123, हरियाणा में 1716 असम में 1733 रेप केस हुए हैं। लद्दाख में सबसे कम दो रेप केस का आंकड़ा एनसीआरबी ने बताया है।
गंभीर अपराध बढ़े
छत्तीसगढ़ में आईपीसी और स्पेशल लोकल स्पेशल एंड लोकल छत्तीसगढ़ में आईपीसी और स्पेशल एंड लोकल लॉ के मुताबिक 2019 में 96561, 2020 में 103173 और 2021 में 110633 केस दर्ज हुए। यह सभी हत्या, बलात्कार, अपहरण, दंगा, लूट जैसे मामले हैं इन्हें संज्ञेय अपराध की कैटेगरी में रखा गया है।
बच्चियों के रेप हुए, आपराधिक मामले भी बढ़े
प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट यानी पोक्सो के तहत छत्तीसगढ़ में पिछले 1 साल में 2361 केस दर्ज किए गए हैं। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में आईपीसी और स्पेशल लोकल लॉ के तहत दर्ज मामलों में भी 2021 में इजाफा हुआ। रिकॉर्ड के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2019 में 5665, 2020 में 5056 और 2021 में 6001 मामले दर्ज किए गए थे । इस लिहाज से साल 2021 में बच्चों के खिलाफ ही अपराध बढ़ा है। इनमें बच्चों से मारपीट, प्रताड़ना, साइबर क्राइम संबंधी मामले हैं।
बुजुर्गों के लिए सेफ नहीं छत्तीसगढ़
ब्यूरो की तरफ से जारी कि गए आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु के) के खिलाफ अपराधों की दर सबसे अधिक है। 92.3 अंकों के साथ मध्य प्रदेश वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध मामले में सबसे आगे है। इसके बाद नंबर है छत्तीसगढ़ 70 अंको के साथ दूसरे स्थान पर है। हिमाचल प्रदेश 59.6 के साथ तीसरे स्थान पर है जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। बुजुर्गों पर अपराध की राष्ट्रीय औसत की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 25.1 है।
इन मामलों में छत्तीसगढ़ बेहतर
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में चाइल्ड लेबर का छत्तीसगढ़ में एक भी मामला नहीं है या बाल विवाह के नियमों के उल्लंघन का भी एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है ह्यूमन ऑर्गन यानी कि शारीरिक अंगों के ट्रांसप्लांटेशन का भी एक भी मामला छत्तीसगढ़ में नहीं है। इन मामलों में आंध्र प्रदेश टॉप पर है। बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में बच्चों की तस्करी या उन्हें वेश्यावृत्ति में ले जाए जाने जैसे एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं इनमें कुछ मामले बिहार में जरूर सामने आए हैं।