मेरठ: सौरभ राजपूत हत्याकांड की जांच तीन स्तरों पर चल रही है. पुलिस, फॉरेंसिक और साइबर सेल संयुक्त रूप से इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं, जिसमें लगातार नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. फॉरेंसिक जांच में यह बात सामने आई है कि हत्यारों ने पहले सौरभ के शव को सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन सूटकेस छोटा पड़ने के कारण उन्होंने ड्रम का इस्तेमाल किया. मुस्कान ड्रम खरीद कर लाई थी, जिससे शव को ठिकाने लगाया जा सके.
जांच में यह भी पता चला है कि हत्या के बाद कमरे में फैले खून के धब्बों को साफ करने के लिए बेडशीट का इस्तेमाल किया गया था. सौरभ की गर्दन पर 10 से 12 बार चाकुओं से वार किए गए, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हुई. हत्या के दौरान कमरे में खून के छींटे फैल गए थे, जिन्हें ब्लीचिंग पाउडर से साफ करने की कोशिश की गई. फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से चाकू पर साहिल और मुस्कान के फिंगरप्रिंट भी मिले हैं, जो उन पर लगे हत्या के आरोप को साबित करते हैं.
इस मामले में पुलिस साइबर सेल की मदद भी ले रही है, ताकि आरोपियों के डिजिटल फुटप्रिंट्स का पता लगाया जा सके. पुलिस उनके मोबाइल फोन, सोशल मीडिया अकाउंट्स और अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच कर रही है. फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे जांच को एक नई दिशा मिलेगी. पुलिस का दावा है कि वे जल्द ही इस हत्याकांड के सभी पहलुओं को उजागर कर देंगे और आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे.