मेरठ: मेरठ में मर्चेंट नेवी में काम करने वाले सौरभ राजपूत की उसकी पत्नी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर हत्या कर दी. हत्या के बाद दोनों ने शव के 15 टुकड़े किए और उन्हें ड्रम में रखकर उसमें सीमेंट का घोल भर दिया. हालांकि उनकी प्लानिंग में थोड़ी गड़बड़ी हो गई और बीते मंगलवार को बदबू फैलने पर आस-पास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, तब घटना का खुलासा हुआ. सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने ड्रिल मशीन से ड्रम को तोड़कर शव निकालने का प्रयास किया हालांकि घंटों की मेहनत के बाद पुलिस को सफलता मिली.
हर अपराधी यह सोचता है कि उसने चोरी या मर्डर की जो प्लान बनाया है वो एकदम पुख्ता है और पुलिस या लोगों को कभी भी कोई सुराग नहीं मिलेगा. लेकिन एक छोटी सी गलती अक्सर अपराधियों पर भारी पड़ जाती है. ऐसा ही मुस्कान और उसके बॉयफ्रेंड साहिल के साथ भी हुआ. दोनों ने हत्या करके शव को एक ड्रम में रखा. फिर उसमें सीमेंट और बालू के मिश्रण से भर दिया. इससे लाश अंदर जम गई. लोगों को पता न चले, इसलिए किराये के मकान के अंदर वाले कमरे में छिपा दिया गया. इसके बाद मुस्कान हिल स्टेशन घूमने की बात कहकर निकल गई. लेकिन मुस्कान और साहिल की प्लानिंग में थोड़ी कमी रह गई. अगर दोनों ने सीमेंट में एक चीज न मिलाई होती तो यह मर्डर मिस्ट्री दृश्यम मूवी को फेल कर देती.
पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि मुस्कान और साहिल की प्लानिंग बहुत अच्छी थी लेकिन उन दोनों ने सीमेंट में बालू नहीं मिलाया होता तो उनका राज नहीं खुलता. सीमेंट को पूरी तरह से सेट होने में लगभग 10 घंटे का समय लगता है. एक बार सीमेंट जब ठीक तरह से सेट हो जाता तो उस स्थिति में शरीर इस तरह से भी नहीं निकलता और बदबू आने की आशंका भी कम थी. मुस्कान और साहिल ने हत्या का राज छिपाने के लिए बालू और सीमेंट का इस्तेमाल किया था. इसकी पुष्टि मेरठ के पुलिस अधीक्षक ने भी की है.
पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर ने बताया कि सीमेंट की इनीशियल सेटिंग तीस मिनट में होती है जबकि फाइनल सेटिंग 600 मिनट लगते हैं. हालांकि सीमेंट कितने देर में सेट होगा वह कई अन्य कारकों जैसे सीमेंट का प्रकार, पानी सीमेंट का अनुपात, और तापमान पर भी निर्भर करता है. आमतौर पर 10 घंटे बाद सीमेंट सेट हो जाता है. एकबार जब सीमेंट हो जाए तो उसे तोड़ना मुस्किल होता है. अगर सिर्फ सीमेंट होती तो बॉडी इतनी आसानी से निकल नहीं पाती.