भोपाल।  अखिल भारतीय सेवा के मध्यप्रदेश संवर्ग के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को भी अब केन्द्र के समान एक जुलाई 2021 से 31 प्रतिशत और एक जनवरी 2022 से 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार इसे मध्यप्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय व्यय विभाग ने 25 अक्टूबर 2021 को आदेश जारी कर एक जुलाई 2021 से 31 प्रतिशत और 31 मार्च 2022 को आदेश जारी कर एक जनवरी 2022 से 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया था। लेकिन मध्यप्रदेश संवर्ग के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 27 अक्टूबर 2021 को जारी आदेश से नवंबर 2021 से 20 प्रतिशत की दर से और 28 मार्च 2022 को जारी आदेश से अप्रैल 2022 से 31 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया गया था।

इन शर्तों पर मिलेगा बढ़ा हुआ वेतनमान
सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरुप पे मेट्रिक्स में निर्धारित लेवल में आहरित वेतन जिसमें विशेष वेतन, व्यक्त्गित वेतन शामिल नहीं होगा उसके आधार पर महंगाई भत्ता मिलेगा। महंगाई भत्ते का कोई भाग मूलभूत नियम अंतर्गत वेतन नहीं माना जाएगा। आदेश के विपरीत अधिक भुगतान पाये जाने पर अधिक भुगतान की गई राशि भुगतान पाने वाले अधिकारी से वसूली योग्य होगी। महंगाई भत्ते के भुगतान पर किया गया व्यय संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट प्रावधान से अधिक नहीं होना चाहिए। पूर्व में की गई राशियों का समायोजन करते हुए संशोधित दरों से वेतन पर्चियां जारी की जाएंगी।

अब क्या होगा
राज्य शासन ने मध्यप्रदेश संवर्ग के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के 25 अक्टूबर 2021 और 31 मार्च 2022 के आदेश के अनुसार महंगाई भत्ता स्वीकृत करने का निर्णय लिया है। इसलिए अब मध्यप्रदेश संवर्ग के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार एक जुलाई 2021 से 31 प्रतिशत और 1 जनवरी 2022 से 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। सभी कर्मचारियों को इसके लिए पुराने न मिले वेतन का एरियर्स भी दिया जाएगा।