सागर: मध्य प्रदेश के सीधी में पेशाब कांड और उसके बाद अमानवीय अत्याचार के लगातार वायरल वीडियो से शिवराज सरकार के कान खड़े हो गए हैं. विधानसभा चुनावों से पहले ये प्रशासन के लिए परेशान का सबब बन सकता है.

अब बुंदेलखंड अंचल के संभागीय मुख्यालय सागर में एक बर्बर पिटाई का वीडियो वायरल हो रहे है. जिसमें एक युवक को नंगा करके प्लास्टिक के डंडे से पांच छह लोग पीट रहे हैं. युवक उसके बाद दूसरे वीडियो में निर्वस्त्र अवस्था में माफी मांग रहा है. उसे लोग अंडरवियर पहनने से भी रोक रहे है. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर वायरल वीडियो की छानबीन में जुट गई है. इस संबंध में पुलिस ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है.

सागर में सोशल मीडिया पर शनिवार (9 जुलाई) की शाम को दो वीडियो पिटाई के वायरल हुए हैं. इसे सागर शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में एक बीजेपी नेता और अनाज व्यापारी से जोड़कर वायरल किया गया. सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायल होते ही हड़कंप मच गया. वायरल किए वीडियो के पीछे के उद्देश्यों और दोषियों का पता पुलिस जांच के बाद ही चलेगा.

वायरल दो वीडियो में से एक में चार- पांच लोगों ने एक युवक को नग्न अवस्था में जबरदस्ती बैठा कर रखा है. पांचों लोग बारी- बारी से उसकी हथेलियों पर डंडा नुमा प्लास्टिक के पाइप से वार कर रहे हैं, पिटाई से युवक चीख रहा है. पीड़ित युवक दोबारा गलती नहीं करने की कसमें खा रहा है. मारपीट करने वाले चोरी की किसी घटना की पूछताछ करते हुए मालूम पड़ रहे हैं. शहर में चर्चा है कि यह वीडियो मोतीनगर थाना क्षेत्र की है. दूसरे वीडियो में पीड़ित युवक निर्वस्त्र अवस्था में खड़ा होकर हाथ जोड़कर माफी मांग रहा है. मौके पर मौजूद लोग उसे अंडरवियर भी नहीं पहनने दे रहे हैं और उसे रोकते हैं. हालांकि पीड़ित या मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है. मामला किसी पुरानी चोरी से संबंधित बताया जा रहा है.

वायरल वीडियो के मामले को लेकर एएसपी विक्रम सिंह कुशवाहा का कहना है कि विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुपों पर एक मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो का समय स्थान और व्यक्तियों की पहचान स्थापित नहीं है. यह वीडियो मोती नगर क्षेत्र अंतर्गत एक प्रतिष्ठान के परिसर का होना अभिकथित किया जा रहा है. उक्त वीडियो को संज्ञान में लेते हुए प्रथम दृष्ट्या मोती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराए जाने की कार्रवाई की जा रही है .

एएसपी ने बताया कि कतिपय सोशल मीडिया न्यूज़ ग्रुपों पर उक्त वीडियो को किसी थाना परिसर का होना प्रचारित किया जा रहा है. ये पूर्णतया गलत एवं निराधार है. पुलिस द्वारा वीडियो को संज्ञान में लेकर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है और आरोपियों की पहचान की कर गिरफ़्तारी की कार्रवाई की जा रही है.