ग्वालियर . सात साल पहले चार लोगों को जिंदा जलाने के मामले में आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर 6-6 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस घटना में एक जेठ ने छोटे भाई और घरवालों के साथ मिलकर बहू, छोटे भाई के साले-साली और सास-ससुर को जिंदा जला दिया था. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रामविलास गुप्ता ने आरोपियों को ये सजा सुनाई. मृतकों के मरने से पहले दिया गया बयान इस खौफनाक हत्याकांड में सजा का मुख्य आधार बना.
गौरतलब है कि साल 2015 में 16 अप्रैल को मनीयर के रहने वाले रामेश्वर राठौर कोतवाली थाने पहुंचा. उसने थाने में हत्याकांड की रिपोर्ट दर्ज कराई. उसने पुलिस को बताया कि उसकी बहन लक्ष्मी की शादी मुरैना के टेंटरा निवासी रामलखन पुत्र केशव राठौर से दो साल पहले हुई. ससुराल में कुछ भी ठीक नहीं था. जेठ रामवीर बहन पर बुरी नजर रखने लगा. जब लक्ष्मी ने बात घरवालों को बताई तो वे उसे मायके ले आए और फिर ससुराल नहीं भेजा.
इस तरह हुआ हत्याकांड
लक्ष्मी के भाई रामेश्वर ने पुलिस को बताया कि बहन के जेठ रामवीर को ये बात पता चल गई कि हम बहन को ससुराल क्यों नहीं भेज रहे. वह इस बात पर नाराज हो गया. उसने अपने घरवालों से यहां तक कह दिया कि मायके वाले लक्ष्मी को नहीं भेजेंगे, सभी को पेट्रोल डाल कर जला देता हूं. उसके बाद रामवीर और रामलखन अपने घरवालों के साथ परिवार से मिलने के बहाने घर आए. रात में उन्होंने सो रहे लोगों पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी और कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया.
पिता को छोड़कर सभी की हो गई मौत
जानकारी के मुताबिक, उस वक्त कमरे में लक्ष्मी, उसका भाई महेश, बहन सरस्वती, पिता जगदीश और मां गीता सो रहे थे. इन्हें ही आग लगाई गई. रामेश्वर ने बताया कि उसने जैसे-तैसे आग बुझाई. वह सभी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा. सभी की हालत गंभीर थी. सूचना मिलते ही पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और सभी के बयान लिए. इसके बाद सभी को ग्वालियर रेफर किया गया. यहां पिता जगदीश राठौर को छोड़ सभी की मौत हो गई. पुलिस ने मृतकों के बयान के आधार पर पर लक्ष्मी राठौर के पति रामलखन, जेठ रामवीर, जेठानी ममता बाई, सास कमलाबाई, ननद दुर्गेश, नंदोई भवानी शंकर, रामअवतार के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था.