भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में उत्तर प्रदेश की सीमाओं से आने वाली सभी यात्री बसों का परिचालन बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से लगने वाली सभी सीमाओं को भी सील करने का विचार किया जा रहा है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सीमाओं से आने वाले बस परिवहन सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इससे संबंधित आदेश जारी कर दिये गए हैं। आवागमन के कारण संक्रमण की चेन को तोड़ने की कार्यवाही भी प्रभावित हो रही है। इसलिए अंतर्राज्यीय सीमाओं को सील करने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सख्ती से इसकी चेन को तोड़ना जरूरी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा 16 जिलों में कोरोना नियंत्रण के लिए किये जा रहे उपायों की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जब बुधवार को प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे, तब निवाड़ी और दतिया में झांसी से लोगों की आवाजाही की बात सामने आई थी।
अधिकारियों ने बताया था कि झांसी में कर्फ्यू नहीं होने की वजह से बसों का संचालन जारी है। जबकि, संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र से आने-जाने वाली बसों का परिवहन काफी पहले रोक दिया था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बसों के संचालन पर रोक लगाने पर विचार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गुरुवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय ने सात मई तक यात्री बसों के संचालन को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं।
पर्यटन परमिट की बसें भी नहीं आ-जा सकेंगी
यह प्रतिबंध सभी तरह की बसों पर लगाया गया है। पर्यटन परमिट पर भी बस नहीं आ-जा सकेंगी। मध्य प्रदेश का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश से जुड़ता है। इस रोक से ग्वालियर, मुरैना, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्न, सतना, रीवा आदि जिलों में उत्तर प्रदेश से बसों का आवागमन बंद हो जाएगा।