भोपाल । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के ऐसे दौरे तय कर रही है, जिससे प्रदेश की बड़ी आबादी को साधा जा सके. प्रियंका गांधी की जबलपुर में चुनावी सभा के बाद अब कांग्रेस ग्वालियर में कार्यक्रम कराने की तैयारी में है. पार्टी राहुल गांधी को विंध्य में उतार कर यहां 2018 में मिली हार को जीत में बदलने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस ने विंध्य के शहडोल के ब्यौहारी में राहुल गांधी का चुनावी कार्यक्रम तैयार किया है. इसके जरिये कांग्रेस एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश कर रही है. शहडोल का ब्यौहारी इसलिए भी चुना गया क्योंकि साल 2003 के विधानसभा चुनाव का आगाज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहीं से किया था. हालांकि उसके बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी.
गौरतलब है कि इस बार विंध्य का चयन करने के पीछे कई बड़ी वजह है. पहली वजह है विंध्य के ब्यौहारी की आदिवासी राजनीति के समीकरण बैठाना. क्योंकि, शहडोल और उसके आसपास का इलाका आदिवासी क्षेत्र है. इस पर कांग्रेस पार्टी का फोकस है. दूसरी वजह है, सीधी संसदीय क्षेत्र में आने की वजह से इस जगह को चुना गया. सीधी पेशाब कांड में आदिवासी वर्ग की नाराजगी को भी कांग्रेस पार्टी भुनाना चाहती है. तीसरी वजह है मध्य प्रदेश का शहडोल जिला छत्तीसगढ़ से भी लगा है. इसलिए कांग्रेस मध्य प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को भी रिझाने की कोशिश करेगी.
बीजेपी ने कही ये बात
हालांकि, कांग्रेस की इस कवायद पर बीजेपी की भी नजर है. बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि राहुल गांधी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जो ऐलान किया था, उसे पूरा नहीं किया. ऐसे में अब भले ही आदिवासियों के बीच पहुंचकर राहुल गांधी आदिवासियों को रिझाने की कोशिश करें, लेकिन दशरत से भी मुलाकात करें. जिसका अपमान होने पर दुखी होकर सीएम शिवराज ने उनके पैर धोए थे.
बड़ी तैयारी कर रही कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले राहुल, प्रियंका के चेहरों के सहारे मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को मजबूत बनाना चाहती है. यही वजह है कि राहुल गांधी के पहले महाकौशल कार्यक्रम के बाद ग्वालियर चंबल में चुनावी सभा कराने की तैयारी है. महाकौशल और ग्वालियर चंबल के बाद राहुल गांधी को विंध्य में उतार कर कांग्रेस आदिवासी अंचलों में अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में है.