भोपाल: मध्य प्रदेश के कई जिलों से हाल ही में फर्जी शिक्षकों के मामल सामने आए थे, जहां सरकारी और नियमित शिक्षक अपनी जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति को तैनात किए हुए थे. नर्मदापुरम और सागर जिले में भी ऐसे शिक्षकों को पकड़ा गया था, जिन्हें निलंबित भी किया गया है. वहीं फर्जी शिक्षकों को लेकर अब स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब सरकरी स्कूल में पदस्थ सभी शिक्षकों की स्कूलों में फोटो लगेगी, ताकि फर्जीवाड़े को रोका जा सके.

दरअसल, लोक शिक्षण संचलनालय ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की तस्वीर लगाई जाएगी. प्रदेश के कई स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों ने भाड़े पर शिक्षक रखे हुए थे. इस तरह के मामले लगातार सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है. ऐसे में तत्काल प्रभाव से स्कूलों में शिक्षकों के फोटो लगाने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं जिन शिक्षकों ने अपनी जगह पर भाड़े के टीचर्स रखे हुए थे, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश कई जिलों में जारी किए गए हैं.

मध्य प्रदेश के कई जिलों में शिक्षकों की मनमानी की खबरें आई थी. जहां सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षक मोटा वेतन लेते हैं, लेकिन अपनी जगह किसी दूसरे पढ़े-लिखे व्यक्ति को 3000 से 5000 रुपए तक में किराए पर बच्चों को पढ़ाने के लिए रखे हुए थे. बता दें कि मध्य प्रदेश में अब तक 10 शिक्षकों को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं. दरअसल, जहां जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी जहां असली शिक्षक गायब मिले थे, जबकि उनकी जगह पर दूसरे व्यक्ति बच्चों को पढ़ा रहे थे.

दरअसल, सागर जिले के मझेरा गांव के सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षक इंद्र विक्रम को महीने में 48 हजार रुपए का वेतन मिलता है, लेकिन उन्होंने अपनी जगह पर ममता अहिरवार को बच्चों को पढ़ाने के लिए लगा रखा था, इसके लिए वह ममता को 3000 रुपए महीना दे रहे थे. इसी तरह नर्मदापुरम जिले के खोकसर प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुरेश अतुलकर की जगह पर प्राइवेट महिला टीचर संगीता सवेरिया बच्चों को पढ़ा रही थी, संगीता का तो यहां तक कहना था कि वह इसके लिए कोई पैसा भी नहीं ले रही है. इस तरह के और भी मामले सामने आए थे. ऐसे में अब स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की फोटो लगाने के आदेश जारी किए हैं.