भोपाल: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी सफलता के बाद राहुल गांधी हिट हो गए हैं. कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की बारी है. मध्य प्रदेश में भी राहुल गांधी फॉर्मूला अपनाया जाएगा. यानि कमलनाथ या मध्य प्रदेश की टीम का काम नहीं चलेगा.

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के लिए प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भले ही कई स्तर पर सर्वे कराए हों. मुद्दों से लेकर उम्मीदवार चयन के लिए दावेदारों का अलग-अलग एजेंसियों से कराया. लेकिन कमलनाथ और उनकी टीम के सारे प्रयास पर पानी फिरता दिख रहा है. क्योंकि यहां तो राहुल गांधी की ही चलेगी. राहुल गांधी की टीम सर्वे करेगी. उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट बांटे जाएंगे.

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है मध्य प्रदेश में टीम राहुल सक्रिय हो गई है. कर्नाटक चुनाव के बाद राहुल गांधी के करीबी मध्यप्रदेश में सक्रिय हो गए हैं. उम्मीदवार चयन के लिए दावेदारों का सर्वे किया जा रहा है. राहुल गांधी का सर्वे ही उम्मीदवार चयन का आखिरी पैमाना होगा. पार्टी ने जो अब तक सर्वे किए हैं उन्हें भी आधार बनाया जाएगा. कर्नाटक चुनाव में राहुल गांधी का उम्मीदवार चयन का फार्मूला सफल साबित हुआ था. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में भी उम्मीदवार चयन के लिए टीम राहुल का सर्वे ही पैमाना होगा.

टीम राहुल की ही चलेगी
विधानसभा चुनाव को लेकर माना जा रहा है कि कमलनाथ के सर्वे लगभग पूरे हो चुके हैं. जिन सीटों पर पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है वहां पार्टी एक से 2 नाम के पैनल तैयार कर चुकी है. बाकी बची सीटों पर भी पार्टी ने 1 से 2 नाम के पैनल तैयार कर लिए हैं. मौजूदा विधायकों में से ज्यादातर के टिकट पक्के हैं. लेकिन अब टीम कमलनाथ के बजाए राहुल सर्वे उम्मीदवार चयन का पैमाना होगा. मध्य प्रदेश में अब पार्टी हाईकमान का दखल बढ़ रहा है. चुनाव से पहले टीम राहुल अपनी पैठ मजबूत बनाने में लगी है. मतलब साफ है प्रदेश में कर्नाटक चुनाव के बाद अब टीम राहुल के फैसले ही पार्टी के फैसले होंगे.

कमलनाथ पर भरोसा नहीं
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की टीम के एक्टिव होने पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कमलनाथ भले ही कह रहे हों कि उनकी चक्की बारीक पीसती है. लेकिन राहुल गांधी की चक्की कमलनाथ से भी ज्यादा बारीक पीसती है. कमलनाथ को किनारा किया जा रहा है. यही वजह है कमलनाथ के सर्वे पर पार्टी को भरोसा नहीं है. राहुल गांधी खुद अपना सर्वे करा रहे हैं.