मंडला: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के मंडला से विधानसभा चुनाव (MP assembly elections) को लेकर निकाली जा रही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘मिस्टर बंटाढार मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य बनाकर छोड़कर गए थे. प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टाचार, लूट-खसोट, बिना बिजली गरीबों का घर, बिना सिंचाई की खेती छोड़कर गए थे. भाजपा ने इसे बेमिसाल बनाकर आगे बढ़ाने का काम किया. मध्यप्रदेश ने पेसा कानून को जमीन पर उतारने का काम किया.’

केंद्रीय गृहमंत्री यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में 150 सीटें जीतने की दावा किया. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अगली बार 150 सीटों के साथ फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी. शाह ने दिग्विजय के साथ-साथ कांग्रेस प्रदेश कमेटी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ बंटाधार जी आप और करप्शन नाथ दोनों सुन लो. मैं आज दावे से कहने आया हूं. जब 25 सितंबर को हमारी जन आशीर्वाद यात्रा समाप्त होगी, उसी दिन तय हो जाएगा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी.’

अमित शाह ने आगे कहा, “कमलनाथ और बंटाधार की केंद्र में सरकार थी. मनमोहन सिंह पीएम थे., उन्होंने कहा देश की तिजोरी पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है. सबने विरोध किया, मगर वो नहीं माने. सरकार अल्पसंख्यक तुष्टीकरण में डूबी रही. आखिरकार 2014 में मोदीजी की सरकार आई. मोदीजी ने सांसदों से कहा, मेरी सरकार आदिवासी, पिछड़ों, दलित और गरीबों की सरकार है. आपको चयन करना है दो विचारधाराओं के बीच. एक ओर कांग्रेसियों के लिए देश के खजाने पर अल्पसंख्यकों का अधिकार हैं और मोदीजी कहते हैं गरीबों का अधिकार है.”

मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रखने वाले आदिवासियों को अपनी ओर खींचने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. यही वजह है कि आज भी अमित शाह ने अपने भाषण में आदिवासियों को केंद्र में रखा. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,” कांग्रेस पार्टी नारा देती थी, जल, जंगल और जमीन की रक्षा करेंगे, लेकिन उन्होंने तो रक्षा नहीं की. मोदीजी ने जल, जंगल और जमीन के साथ सुरक्षा, सम्मान, समन्वित विकास का काम किया. मैं आज बंटाढार और कमलनाथ से पूछने आया हूं, जब आपकी सरकार थी, तब आदिवासी कल्याण मंत्रालय का बजट कितना था? मनमोहन सिंह सरकार केवल 24 हजार करोड़ रुपया सालाना देती थी. मोदीजी ने बढ़ाकर 1.19 लाख करोड़ का कर दिया. बीजेपी ने संथाली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का काम भी किया. कांग्रेस ने इतने सालों तक शासन किया, कभी आदिवासी बेटा-बेटी को राष्ट्रपति नहीं बनाया.”