बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक की रात में दो सियासी दलों के नेताओं द्वारा अलग-अलग स्थानों पर आत्महत्या करने से हड़कंप की स्थिति है. प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी सन्न हैं कि ऐसा कैसे हो गया. ताज्जुब की बात यह है कि सुसाइड किसी आम व्यक्ति ने नहीं बल्कि भाजपा और कांग्रेस से जुड़े लोगों ने किया है. आत्महत्सा के मामले का खुलासा होते ही शहर में आपाधापी मच गई और लोग जिला अस्पताल पहुंचने लगे. सोमवार की सुबह देखते ही देखते जिला अस्पताल चिकित्सालय में भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ लग गई.

दोनों आत्महत्या के मामले में ताजा अपडेट यह है कि मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में रविवार और सोमवार की दरमियानी रात में दो लोगों ने सुसाइड कर दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. दोनों के सुसाइड की जानकारी शहर में फैलते ही यह मसला चर्चा भी विषय बन गया. दोनों मामले में सुसाइड की कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई है. लोग अपने-अपने हिसब से आत्महत्या को लेकर कयास लगा रहे हैं. साथ ही एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि देनों ने आत्महत्या जैसे कठिन फैसले को चुना.

आत्महत्या के पहले मामले में बैतूल में बीजेपी के पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल के 38 वर्षीय प्रतिनिधि बबलू यादव ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बबलू की पत्नी भी लंबे समय से मायके जाकर रह रही थी. फिर बबलू भी परिवारिक और सियासी कारणों से से खुद को अकेला महसूस करने लगा था. हाल ही में हुए चुनाव में भी उसे टिकट नहीं मिला था। बबलू जिंदादिल युवा था. रक्तदान सहित समाजसेवा में हमेशा से आगे रहता था. वह एलएलबी डिग्री होल्डर था और वकालत की तैयारी कर रहा था। इसी बीच बबलू के द्वारा आत्महत्या करने की खबर सामने आने से बीजेपी से जुड़े लोगों में भी शोक की लहर दौड़ गई.

बैतूल में खुदकुशी के एक अन्य मामले में बीती रात को कांग्रेस की पूर्व पार्षद दुर्गा उईके के 28 वर्षीय बेटे कृष्णा उईके ने भी खुदखुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इस मामले में बताया जा रहा है कि कृष्णा किसी विभाग की गाड़ी चलाने का काम करता था, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया, इससे अभी उस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है। बैतूल पुलिस दोनों मामले की जांच में जुटी है।