श्योपुर। अवैध वसूली के आरोपों के चलते मोदी सरकार ने एक साल पहले मप्र के आरटीओ बैरियरों पर ताले लगवा दिए थे। यह सभी आरटीओ बैरियर बुधवार से शुरू किए जा रहे हैं।
तर्क तो यह दिया जा रहा है कि जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बैरियरों को पुन: खोला जा रहा है लेकिन, विभाग में ही चर्चाएं हैं कि, प्रदेश सरकार की माली हालत बेहत खराब है, चुनावी साल में लगातार खर्च बढ़ रहा है। ऐसे में टैक्स के नाम पर आमदनी के लिए आरटीओ बैरियर सबसे मजबूत विकल्प हैंं।
गौरतलब है कि, मप्र में कुल 41 आरटीओ बैरियर हैं जिन्हें केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद 12 सितंबर 2017 को बंद कर दिया था। बाद में परिवहन विभाग ने 41 में से कुछ बड़े बैरियरों को चालू कर लिया जहां कंप्यूटरीकृत व्यवस्था थी। बाकी के 36 बैरियर एक साल से बंद पड़े हैं।
इन बैरियरों को चालू कराने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई। बताया गया है कि, इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को बंद पड़े 36 बैरियरों को चालू करने के पक्ष में फैसला दिया।
हाईकोर्ट से हरीझंडी मिलने के बाद मप्र परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को बैरियरों को फिर से बहाल करने के आदेश दिए। इसके तत्काल बाद में दूसरा आदेश निकला जिसमें सभी बैरियरों पर स्टाफ भी तैनात कर दिया। श्योपुर, मुरैना, दतिया और शिवपुरी के अलावा प्रदेश के 22 जिलों के 36 आरटीओ बैरियर बुधवार 12 सितंबर से शुरू हो जाएंगे।
पंजाब सरकार की शिकायत पर बंद हुए थे नाके
मप्र में आरटीओ बैरियरों को पंजाब सरकार की शिकायत पर बंद किया गया था। दरअसल फरवरी से अप्रैल तक गेहूं कटाई के दौरान पंजाब के हार्वेस्टर मप्र में आते हैं। उन हार्वेस्टरों से मप्र के हर बेरियर पर पर 500 से लेकर 1500 रुपए तक की वसूली हो रही थी।
हार्वेस्टर मालिकों ने पहले इसकी शिकायत मप्र पुलिस को की फिर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन, समाधान नहीं हुआ। पंजाब हार्वेस्टर यूनियन के सदस्यों ने पंजाब के परिवहन मंत्री से शिकायत की। इसके बाद पंजाब के सीएम ने यह बात केंद्र सरकार तक पहुंचाई। केंद्र की आपत्ति के बाद सितंबर 2017 से प्रदेश के आरटीओ बेरियरों को बंद कर दिया गया था।
बैरियर के निजी कर्मचारियों ने लगवाई याचिका!
एक साल पहले जब प्रदेश के आरटीओ बैरियर शुरू किए गए तब परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा था कि निजी कर्मचारियों को हटा दिया है क्योंकि, इनके कारण अवैध वसूली के आरोप लग रहे हैं। मजे की बात यह है कि, इन्हीं निजी कर्मचारियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका लगवाई है। श्योपुर के एक पूर्व आरटीओ ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि, याचिका पर हुआ खर्च बैरियरों पर पदस्थ कर्मचारियों एवं निजी कर्मचारियों ने मिलकर उठाया। अब देखना यह है कि, जिन निजी कर्मचारियों के कारण बैरियर बंद हुए वह अब दिखेंगे या नहीं।
ग्वालियर-चंबल में ये बैरियर फिर शुरू
-श्योपुर जिले में कराहल, सामरसा के अलावा जलालपुरा बैरियर चालू किया जाएगा।
-भिंड जिले में फूफ और मालनपुर का बैरियर शुरू होगा।
-मुरैना जिले में मुरैना चेकपोस्ट का बैरियर फिर बहाल होगा।
-दतिया में चिरूला और शिवपुरी जिले में सिकंदरा का चेकपोस्ट शुरू होगा।
इनका कहना है
एक याचिका की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने बैरियर चालू करने के निर्देश दिए थे। 36 बैरियरों को बुधवार से शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। पूर्व में निजी कर्मचारियों के कारण वसूली की शिकायतें होती थीं। ऐसे कर्मचारी रखने पर रोक लगाई है कहीं से भी ऐसी शिकायत आई तो उस पर कार्रवाई होगी।
डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव मप्र, परिवहन आयुक्त