इंदौर. पूरे प्रदेश में अब तक नौ समीक्षा बैठकें कर चुके मुख्य सचिव (सीएस) बीपी सिंह के तीखे तेवर इंदौर संभाग की समीक्षा में नजर आए। गुरुवार को 11 घंटे चली बैठक की शुरुआती दो घंटे में ही सीएस ने इंदौर जिले के एसडीएम अजीत श्रीवास्तव, श्रृंगार श्रीवास्तव व संदीप सोनी के साथ तहसीलदार राजेश सोनी और हाल ही में इंदौर से अालीराजपुर ट्रांसफर की गईं तहसीलदार दर्शिनी सिंह को मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दिए। वहीं, एसडीओ नीता राठौर व तहसीलदार अशोक डेहरिया को शोकॉज नोटिस जारी किए।
सीएस ने तल्ख शब्दों में कहा कि मैं प्रदेश के अधिकारियों को इंदौर आने का प्रेम भूला दूंगा। यहां आने से कतराने लगेंगे। हालांकि रात होते-होते उन्होंने सस्पेंड अधिकारियों को राहत देते हुए कहा कि वह पहले संभागायुक्त को प्रेजेंटेशन देंगे और फिर वह उन्हें बहाल करने का फैसला लेंगे।
सीएस ने इंदौर में पांच साल से जमे अधिकारियों की सूची भी मांगी है। शुक्रवार को सीएस महू का दौरा करेंगे। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व अरुण पाण्डेय, आयुक्त भू-अभिलेख एमके अग्रवाल, प्रमुख राजस्व रजनीश श्रीवास्तव, कमिश्नर संजय दुबे, सीएम के सचिव हरिरंजन राव और सचिव राजस्व पी. नरहरि के साथ संभाग के सभी कलेक्टर व राजस्व अधिकारी मौजूद थे।
ताना मारा- इंदौर के अधिकारी शासन के भी सारे खर्च उठा लेते हैं
बैठक में एक प्रोबेशन आईएएस अधिकारी ने पूछा कि सर न्यायालयीन प्रकरण में काफी खर्च होता है। कोई मद शासन से नहीं आती। इस पर सीएस ने ताना मारा कि इंदौर के अधिकारियों से यह सीखो। यहां तो किसी मद में राशि नहीं मांगते। हाई कोर्ट, प्रोटोकॉल जैसे सरकार के सभी खर्च खुद उठा लेते हैं। यहां सब जादूगर हैं। डायवर्शन शुल्क के चेक लेते हैं। फिर बिल्डर से मिलीभगत कर उसे बाउंस करवा देते हैं।
एसडीएम सोनी को मिली राहत
पूरी बैठक के बाद सामने आया कि इंदौर जिले में डायवर्शन शुल्क के 140 से ज्यादा चेक बाउंस हुए हैं और इसमें एसडीएम सोनी का केवल एक ही चेक था। वह भी पुराने एसडीओ क्षेत्र का। सीएस ने सारी स्थिति समझने के बाद कहा कि शुल्क की वसूली होते ही सोनी को एक ही दिन में बहाल कर दिया जाएगा।
अच्छे काम पर ये पांच अधिकारी होंगे पुरस्कृत
समीक्षा के दौरान अच्छा काम पाए जाने पर सीएस ने धार की एसडीओ भाव्या मित्तल, कुक्षी के एसडीओ रिषभ गुप्ता, खंडवा के एसडीओ सारस्वत शर्मा, झाबुआ की अधीक्षक भू-अभिलेख श्वेता जमरा, अालीराजपुर जिले के तहसीलदार अजमेरसिंह गौड़ को पुरस्कृत करने के लिए कहा।
इस तरह मुख्य सचिव ने अधिकारियों पर किए कटाक्ष
सीएस : एसडीएम अजीत श्रीवास्तव, आपने एक साथ 44 प्रकरण खारिज कर दिए। बहुत तेज काम करते हैं। आप कितने साल से इंदौर में हैं?
एसडीएम : सर, पहले तहसीलदार था। फिर बुरहानपुर गया।
सीएस : आप 15 साल से इंदौर का आनंद ले रहे हैं। जन्मकुंडली है मेरे पास।
सीएस : एसडीएम श्रृंगार, आप तो मास्टर हो। नोटशीट ही फाड़कर दूसरा पेज लगा दिया। आपकी जादूगरी जानता हूं।
एसडीएम : सर, ऐसी बात नहीं है।
सीएस : मैं 1983 में एसडीओ था। मुझे चलाइए मत।
सीएस : एसडीएम सोनी, आपने डायवर्शन की वसूली नहीं की। चेक बाउंस हो गए।
एसडीएम : नहीं सर, मेरे क्षेत्र में नहीं है।
सीएस : तहसीलदार सोनी, आपने एक ही दिन में प्रकरण निराकृत कर दिए। आप सब कलाकार लोग हैं।
बीपी सिंह , मुख्य सचिव से सीधी बात…
अधिकारी धोखा देने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उग्र हुआ
आपने किसी जिले में कार्रवाई नहीं की। इंदौर में ही सख्ती दिखाई?
सीएस : हां, मुझे दिखाने के लिए केस आनन-फानन में निपटाए गए। वैसे भी यहां की समीक्षा देरी से हुई। अधिकारी धोखा देने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उग्र हुआ।
राजस्व कार्यों को लेकर शासन की इतनी सख्ती क्यों?
सीएस : प्रदेश के सभी अधिकारियों को गरीबों की सुनना होगी। इस कार्रवाई से प्रदेश के अधिकारियों को सबक मिलेगा। अभी नहीं सुधरेंगे तो जेल जाएंगे।
अधिकारियों की कमी भी कामों में देरी की बड़ी वजह है?
सीएस : हां, लेकिन अब 19 हजार पटवारी भर्ती कर रहे हैं। 500 से ज्यादा नायब तहसीलदार भी। रिटायर्ड तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को संविदा पर नियुक्त करेंगे।