भोपाल। मध्यप्रदेश के वित्त विभाग के अधिकारियों ने बडा कारनामा किया है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की जमीन चोरी छुपे बेच डाली। मामले की शिकायत के बाद सीबीआई ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। मामला केंद्र सरकार की 314 एकड़ बेशकीमती जमीन, जो अरबो-खरबों की है को बिना अनुमति के लीज पर देने और बेचने से जुडा है। यह जमीन बिल्डर्स और प्रमोटर्स को बेची गयी है। सीबीआई ने मामले में ठाणे महानगर पालिका को भी आरोपी बनाया है।

सीबीआई ने दर्ज की दो एफआईआर

सीबीआई ने पिछले साल के अंत में दो अलग -अलग मामले दर्ज किए हैं जिसमें मध्यप्रदेश सरकार के वित्त विभाग के अफसरों, विभाग की ही पब्लिक सेक्टर कंपनी प्रोविडेंट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के अफसरों सहित ठाणे महानगर पालिका के अधिकारियों एवं जमीन को सौदा करने वाले बिल्डर्स और प्रमोटर्स को आरोपी बनाया है। दरअसल आजादी के बाद केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के जिला ठाणे के यरूर और मझीवाड़ा गांवों में 132 और 182 एकड़ जमीन मध्यप्रदेश सरकार के वित्त विभाग को देखरेख के लिए सौंपी थी। इसके लिए राज्य वित्त विभाग ने अलग से पब्लिक सेक्टर कंपनी प्रोविडेंट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड बनायी। सीबीआई को इस मामले में एक गुमनाम शिकायत मिली थी जिसमें प्रारंभिक जांच में पाया गया कि जमीन को लीज या फिर उसका सौदा बिना केंद्र सरकार की अनुमति से वित्त विभाग के अफसरों और बिल्डर्स से सांठगांठ कर किया। ठाणे जिले की मझीवाड़ा और यरूर की ये जमीन बेशकीमती है। सीबीआई एसपी जयकुमार एस. ने मामले की जांच डीएल तालवे को सौंप दी है। सीबीआई अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कुल 314 एकड़ जमीन का सौदा किन परिस्थितियों और कब-कब किया गया। केंद्र सरकार को इससे कितनी क्षति हुई। सीबीआई यह भी पता लगा रही है कि इस दौरान कौन-कौन से अफसर जिम्मेदार है। किन किन अफसरों ने सांठगांठ कर जमीन को खुर्दबुर्द किया। सीबीआई की एक टीम जल्द ही भोपाल आने वाली है। सीबीआई ने वित्त विभाग से इस संबंध में जानकारी भी तलब की है।

एक अधिकारी निलंबित

सीबीआई के पत्र से मंत्रालय में हड़कंप है। सीबीआई ने फिलहाल किसी आरोपी को नामजद नहीं किया। सीबीआई मामले में अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। इधर राज्य सरकार ने एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रोविडंेट कंपनी के मैनेजर अतुल बोरकर को निलंबित कर दिया है। बताया जाता है कि अतुल बोरकर पहले इस आॅफिस में पहले क्लर्क थे, जिसे बाद में मैनेजर बना दिया गया। वित्त मंत्री जयंत मलैया प्रोविडेंट इंवेस्टमेंट लिमिटेड के चेयरमेन और आईएएस अधिकारी अनिरूद्ध मुखर्जी इसके एमडी हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

उधर जमीन घोटाला उजागर होने पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य सरकार पर तंज कसा है। अजय सिंह का कहना है कि प्रदेश के अफसर तो सीएम हाउस का भी सौदा कर करते हैं।

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