भोपाल। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 28 विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं। प्रदेश में तीन नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव से यह तय होगा कि प्रदेश की सत्ता में कौन सी पार्टी रहेगी- सत्तारूढ़ भाजपा या विपक्षी कांग्रेस। 10 नवंबर को मतों की गिनती के साथ यह साफ हो जाएगा कि शिवराज कुर्सी पर कायम रहेंगे या कमलनाथ वापसी कर पाएंगे। यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है।

जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस विधायकों के निधन से और एक सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त हुआ है।

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