जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को कोरोना संक्रमण काल के दौरान छात्रों से सिर्फ शैक्षणिक शुल्क लेने के आदेश जारी किए हैं। उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायाधीश राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने आदेश जारी किये है कि निजी स्कूल कोरोना काल में छात्रों से सिर्फ शैक्षणिक शुल्क लेंगे। इसके अलावा निजी स्कूल छात्रों से कोई अन्य शुल्क नहीं लेगे। युगलपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि निजी स्कूल अपने शिक्षक और कर्मचारियों को नियमित वेतन का भुगतान करेगे।
निजी स्कूलें कर्मचारियों के वेतन से अधिकतम 20 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं और परिस्थितिया ठीक होने पर कटौती किये गये वेतन का भुगतान 6 किस्तों में करना होगा। उच्च न्यायालय में लगाई गयी अलग अलग याचिकाओं में आॅनलाइन क्लॉस तथा स्कूल फीस को चुनौती दी गयी थी। याचिका में कहा गया था कि आॅनलाइन क्लॉस बच्चों की आंखो के लिए खतरनाक है। निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन तथा स्मार्ट क्लास के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि स्कूल कोराना काल में सिर्फ टयूशन फीस ले सकते है। इस आदेश के समर्थन में मुख्यपीठ जबलपुर की एकलपीठ ने भी आदेश जारी किये थे।