भोपाल. ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठ सवालों को नकारते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि मशीनें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भोपाल में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीएल कांताराव ने कहा कि ईवीएम मशीनें डबल लॉकर और तीन स्तरीय सुरक्षा में स्ट्रांग रूम में रखी गई हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ईवीएम मशीनों को देखने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होता है।
बीएल कांताराव ने कहा कि प्रदेश के 51 जिलों में बनाए गए स्ट्रांग रूम्स पूरी तरह से सुरक्षित हैं और डबल लॉकर में रखी गई हैं। उन्हें रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में 11 दिसंबर को सुबह खोला जाएगा। स्ट्रांग रूम्स तीन परिधि में सुरक्षित हैं। पहली सुरक्षा स्पेशल फोर्स के हवाले है, दूसरी एसएएफ के जवान और तीसरी पुलिस के जवानों को लगाया गया है।
प्रोटोकॉल के साथ प्रत्याशी आरओ के साथ जा सकते हैं स्ट्रांग रूम : कांताराव ने कहा, “जिन 51 जिलों में स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं, प्रत्याशियों को इसके बाहर रुकने की व्यवस्था की गई है। जहां पर देखने में नहीं आ रहा है, उन्हें दूर से एलईडी स्क्रीन लगाकर व्यवस्था दी गई है। इन जगहों पर रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्याशियों को अंदर ले जाकर दिखाते भी हैं, लेकिन इसके लिए सारे लोग प्रोटोकॉल फॉलो किए जाते हैं। जैसे उन्हें मोबाइल रिजर्व ईवीएम मशीनों को भी सुरक्षित रखा जाता है, उन्हें भी रिटर्निंग ऑफिसर के सामने खोला जाता है।”
ईवीएम देरी से जमा हुईं, उसकी रिपोर्ट मंगाई हैं : बीएल कांताराव ने कहा, “28 नवंबर की रात को लेकर जो बातें निकलकर सामने आई हैं। जैसाकि रिजर्व मशीनों को 29 को जमा करना था, लेकिन वह एक-दो दिन देरी से जमा की गई हैं। इसमें भी प्रोटोकॉल होता है, जो कंडीडेट्स को बताया गया है। उन्हें ये भी बताया जाता है कि कौन-कौन सी रिजर्व मशीन उपयोग में लाई जाएंगी और कौन सी नहीं। ये सब प्रत्याशियों को बताया जाता है। जिन 3-4 जिलों में देरी से जमा होने की सूचनाएं आई थी, उसकी वीडियोग्राफी रिपोर्ट मंगाई गई और चुनाव आयोग को भेज दी गई है।”
15 हजार कर्मचारियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण : चुनाव आयोग मतगणना के लिए 15 हजार लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है। बीएल कांताराव ने कहा कि काउंटिंग एजेंट्स को नियुक्त करने के लिए मतगणना से 3 दिन पहले फोटो सहित प्रत्याशियों को एजेंट्स के नाम और जानकारी देनी होगी। मतगणना के दिन सबसे पहले 8.30 बजे तक पोस्टल बैलेट वोटों की गिनती की जाएगी। इसके बाद ईवीएम मशीनों की गणना होगी। प्रत्येक विधानसभा में 14 टेबल लगाकर मतों की गणना की जाएगी। अगर विधानसभा क्षेत्र में 280 मतदान केंद्र हैं तो हर विधानसभा में 20 राउंड लगेंगे।
कांग्रेस ने मांगी ईवीएम की जानकारी : कांग्रेस ने आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम की जानकारी मांगी गई है। पूरे चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम, उपयोग में लाई गई ईवीएम और उपयोग में नहीं लाई गईं ईवीएम के साथ ही खराब हुई ईवीएम के नंबरों की जानकारी मांगी गई है। आयोग को लिखे गए पत्र में पचौरी ने आशंका जताई गई है कि ईवीएम के जरिए गड़बड़ी हो सकती है। इधर, राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस हार के बहाने खोज रही हैं। अब उन्हें पता है कि वह हार रहे हैं, इसलिए ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठा रही है।