ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में तमाम कोशिशों के बाद भी लडकियों के जन्म को अभिशाप ही माना जाता है। सरकार द्वारा लडकियों के जन्म से लेकर उनके पढाने लिखाने और शादी में भी हर संभव मदद के बाद भी यहां लडकियों को जन्म नहीं लेने देते। भिण्ड जिले के भारौली थाना क्षेत्र की रहने वाली शिवानी राजावत ने आज भिण्ड पुलिस अधीक्षक को अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसकी शादी तीन साल पहले हुई थी। करीब 3 माह पहले उसने बेटी को जन्म दिया। ससुराल वाले बेटा चाहते थे। जब बेटी हुई, तो परिवार वाले खफा हो गए। उन्होंने कई बार बच्ची को जान से मारने की बात भी कही। महिला ने बताया कि कल दूध पिलाने के बाद बच्ची को आंगन में सुला दिया और कपड़े धोने चली गई। इस दौरान बच्ची की चीख सुनाई दी।

मासूम की मां वहां पहुंची तो देखा तो बच्ची के मुंह से झाग आ रहा है। वह तड़प रही थी। महिला का पति अनार सिंह बच्ची के पास चारपाई पर बैठा था। पास ही ननद और सास-ससुर भी थे। उन्होंने बच्ची को बनियान से गला दबाकर मारने की कोशिश की थी।

पीड़ित शिवानी ने बताया कि बेटा न होने पर मेरे साथ भी मारपीट की जाती है। बेटी की हत्या के प्रयास के बाद जब मैंने पति से इलाज के लिए कहा, तो वह साथ नहीं आए। उन्होंने कह दिया कि मर जाने दे। शिवानी ने बताया कि ससुर भी मेरी पिटाई करता है। कहता है कि बेटी को मार दो। घर से बेटी का इलाज करने के बहाने निकल सकी हूं। माॅं की ममता ने आज अपनी मासूम बच्ची की जान बचा ली।
भिण्ड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने आज यहां बताया कि बच्ची के गले पर निशान हैं। मामले की गंभीरता से देखा जा रहा है। भारौली थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं। बच्ची चाइल्ड लाइन के सुपुर्द की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *