बेंगलुरु । बेंगलुरु की 39 वर्षीय स्टार्टअप संस्थापक और सीईओ (CEO) को अपने बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सुचाना सेठ नाम की आरोपी ने सोमवार को उत्तरी गोवा के कैंडोलिम में एक सर्विस अपार्टमेंट में अपने चार वर्षीय बेटे की हत्या कर दी थी। इसके बाद बेटे के शव को बैग में रखकर किराए की टैक्सी कर कर्नाटक भाग गई थी।

इस चौंकाने वाला अपराध का खुलासा तब हुआ जब हाउसकीपिंग स्टाफ के एक सदस्य को उस अपार्टमेंट की सफाई करते समय खून का धब्बा मिला, जहां से सुचाना सेठ ने सोमवार सुबह चेक-आउट किया था। पुलिस को अभी तक हत्या का कोई मकसद नहीं मिला है। गोवा पुलिस के अलर्ट के आधार पर, उसे कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के ऐमंगला पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया था। कलंगुट से एक पुलिस टीम सुचाना सेठ को हिरासत में लेने और उसे ट्रांजिट रिमांड पर गोवा लाने के लिए सोमवार देर रात कर्नाटक जा रही थी।

कैलंगुट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर परेश नाइक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि शनिवार को कैंडोलिम के होटल सोल बनयान ग्रांडे के कमरा नंबर 404 में चेक इन करते समय सुचाना ने बेंगलुरु का पता दिया। होटल के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि जब सुचाना सेठ बेंगलुरु लौटने के लिए टैक्सी चाहती थी, तो उसे सलाह दी गई कि वापस जाने के लिए फ्लाइट सस्ता और अधिक सुविधाजनक रहेगी। जब उसने सड़क मार्ग से यात्रा करने पर जोर दिया, तो होटल ने एक स्थानीय टैक्सी की व्यवस्था कर दी।

उत्तरी गोवा के एसपी निधिन वलसन ने कहा कि सुबह 11 बजे के आसपास खून के धब्बे की सूचना मिलने पर, एक पुलिस टीम होटल पहुंची और सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया, जिसमें कथित तौर पर सुचाना अपने बेटे के बिना सर्विस अपार्टमेंट से बाहर निकलती दिख रही है। सेठ ने 6 जनवरी की देर शाम को अपने चार साल के बेटे के साथ चेक-इन किया था, लेकिन सोमवार की सुबह जब उसने चेक-आउट किया तो लड़का गायब था। इंस्पेक्टर नाइक ने कहा कि उन्होंने टैक्सी ड्राइवर को फोन किया और उसे सुचाना को फोन देने के लिए कहा।

अपने बेटे के बारे में पूछे जाने पर, सुचाना ने दावा किया कि उसने उसे फतोर्दा में एक दोस्त के घर पर छोड़ दिया था। मित्र का पता बताने के लिए कहा गया तो उसने डिटेल भेजा जो फर्जी पाई गई। इसके बाद नाइक ने टैक्सी ड्राइवर को दोबारा फोन किया, इस बार उससे कोंकणी में बात की और यात्री को कुछ भी संदेह हुए बिना पास के पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा। तब तक टैक्सी चित्रदुर्ग जिले में प्रवेश कर चुकी थी। सुचाना को योजना की भनक लगे बिना ही ड्राइवर कार को ऐमंगला पुलिस स्टेशन की ओर ले गया। नाइक का संदेह तब सच साबित हुआ जब वहां एक अधिकारी ने कार की जांच की और एक बैग में बच्चे का शव पाया।